सऊदी अरब के बादशाह सलमान ने देश में क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता में वृद्धि के लिए अमेरिकी सैनिको की तैनाती को मंज़ूरी दे दी है। स्टेट न्यूज़ एजेंसी के हवाले से रायटर्स ने जानकारी दी थी। अमेरिका के रक्षा विभाग ने बयान में इस कदम की पुष्टि कर दी है।
सऊदी में सैनिको की तैनाती
उन्होंने कहा कि “वह सऊदी अरब में सैनिको और संसाधन की तैनाती करेंगे ताकि तत्काल, विश्वसनीय खतरों से निपटने के लिए अतिरिक्त सहायता को मुहैया किया जा सके।” अमेरिका और ईरान के बीच खाड़ी में तनाव काफी बढ़ गया है जिसका असर वैश्विक तेल बाज़ार पर काफी हुआ है।
शुक्रवार को ईरान ने कहा कि “उन्होंने होर्मुज़ के जलमार्ग से ब्रितानी तेल टैंकर को जब्त किया है लेकिन डोनाल्ड ट्रम्प के दावे को ख़ारिज किया है कि अमेरिका की नौसेना ने ईरान के ड्रोन को मार गिराया है।”
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि अमेरिका की सेना की मेजबानी करने का निर्णय क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता को कायम रखने में रक्षा में संयुक्त सहयोग को बढाने के मकसद से लिया गया है। करीब 500 अमेरिकी सैनिको की सऊदी में तैनाती भी शामिल है और इससे मध्य पूर्व में अमेरिका के सैनिको की संख्या में इजाफा होगा जिसका पेंटागन ने बीते वर्ष ऐलान किया था।
मध्य पूर्व में बढ़ता तनाव
जून में पेंटागन ने कहा था कि “वह मध्य पूर्व में 1000 सैनिको की तैनाती करेंगे लेकिन इसके समय के बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी।” तेहरान और वांशिगटन के सम्बन्ध बीते वर्ष काफी खरान हो गए थे जब डोनाल्ड ट्रम्प ने साल 2015 की परमाणु संधि से अमेरिका को अलग कर लिया था।
ईरान ने ब्रिटेन के एक जहाज को होर्मुज़ के जलमार्ग पर जब्त किया था और दूसरे को रोक दिया था और उन पर अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था।
अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा कि “यह साबित हो चुका है कि ईरान परेशानी के सिवाये कुछ भी नहीं है। वही दिख रहा है जो मैं ईरान के बारे में कहता था, परेशानी। कुछ नहीं सिर्फ परेशानी है। यह आपनी दिखा रहा है कि मैं ईरान के बारे में सही था।”