ब्रिटेन ने बुधवार को ईरान से आग्रह किया कि खाड़ी में तनाव को कम करे जबकि क्षेत्र में शिपिंग हितो के संरक्षण करने का संकल्प लिया था। रक्षा सचिव पैनी मोर्दौन्त से खाड़ी में तीसरे युद्धपोत को भेजने के बाबत कहा कि “ब्रिटेन खाड़ी और अन्य जगहों पर अपने हितो की रक्षा के बाबत हमेशा चिंतित रहता है।”
ईरानी टैंकर को जब्त करने पर ब्रिटेन का पलटवार
उन्होंने कहा कि “लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि हम ईरान को बेहद स्पष्ट सन्देश भेजे। हम चाहते हैं कि वह हालातो से पीछे हटे, हम तनाव को कम करना चाहते हैं, लेकिन हम हमेशा करते हैं और हम शिपिंग का संरक्षण जारी रखेंगे और उस इलाके से उत्पादों का मुक्त निर्यात जारी रखेंगे।”
मोर्दौन्त ने यह रक्षा कांफ्रेंस के दौरान हालिया नौसैन्य नियुक्ति के बारे में बताया था। ईरान और ब्रिटेन के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। इस माह के शुरुआत में ब्रिटेन की रॉयल फाॅर्स ने गिब्राल्टर के बंदरगाह पर ईरान के तेल टैंकर को जब्त कर लिया था।
ईरान ने तत्काल ब्रिटेन से ग्रेस-1 टैंकर को छोड़ने की मांग की है। इस जहाज पर सीरिया में तेल पंहुचाने का आरोप था, जबकि सीरिया पर अभी यूरोपीय प्रतिबन्ध लागू है।
रक्षा मंत्री आमिर हतामी ने अर्ध सरकारी न्यूज़ एजेंसी के हवाले से कहा कि “टैंकर को हिरासत में लेना हैं। यह कदम अंतरराष्ट्रीय नियमों के खिलाफ है और एक तरीके की समुंदरी डकैती है।”
ब्रिटेन द्वारा तेल टैंकर को जब्त करने के कारण ईरान और पश्चिम के बीच तनाव काफी बढ़ गया था। ईरानी प्रवक्ता मौसावी ने आरोप लगाया कि “ब्रिटेन ने अमेरिका के दबाव में टैंकर को जब्त किया है। ऐसी गैर कानूनी कार्रवाई पेसियन गल्फ में तनाव को बढ़ाएगी।”