पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान ने गुरूवार को कहा कि “उनका मुल्क कुलभूषण जाधव के मामले पर कानून के मुताबिक ही आगे बढ़ेगा।” अंतरराष्ट्रीय न्यायिक अदालत ने पूर्व भारतीय नौसैनिक को मौत की सजा देने के मामले में पाकिस्तान को पुनर्विचार और समीक्षा करने निर्णय दिया था।
कानून के तहत आगे की कार्रवाई
इमरान खान ने दावा किया कि “पाकिस्तान आगे की कार्रवाई कानून के तहत करेगा। पाकिस्तान की जनता के खिलाफ अपराध के लिए जाधव कसूरवार है।” भारत की बड़ी जीत बुधवार को आईसीजे के समक्ष हुई जब फैसले में पाकिस्तान से जाधव की मौत की सजा पर पुनर्विचार और समीक्षा करने को कहा गया था।
वैश्विक अदालत ने जाधव तक राजनयिक पंहुच को भी मंज़ूरी दी है और पाकिस्तान को वियना संधि का उल्लंघन करने का कसूरवार करार दिया है। विदेस मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि “आईसीजे में फैसला 15-1 मतों से हुआ था कि पाकिस्तान ने जाधव तक राजनयिक पंहुच न देकर वियना संधि का उल्लंघन किया है।”
उन्होंने कहा कि “हम आईसीजे के निर्देशों की सराहना करते हैं कि पाकिस्तान को सैन्य अदालत द्वारा जाधव की मौत की सजा पर पुनर्विचार और समीक्षा करनी चाहिए।”
भारत-पाकिस्तान विवाद
पाकिस्तान के विदेश विभाग ने दावा किया कि “इस मामले के शुरुआत से ही पाकिस्तान एक जिम्मेदार देश होने के नाते अपनी प्रतिबद्धता पर खड़ा था। अंतरराष्ट्रीय समुदाय के एक जिम्मेदार सदस्य होने के नाते इस मामले पर हम शुरू से ही प्रतिबद्ध थे, इसलिए माननीय अदालत द्वारा शोर्ट नोटिस पर भी सुनवाई के लिए तैयार हो गए थे। अदालत का निर्णय सुनने के बाद पाकिस्तान अब कानून के तहत आगे बढेगा।”
नई दिल्ली में सरकारी सूत्रों ने बताया कि “जाधव बेकसूर है और उसका ईरान से अपहरण किया गया था। भारत की नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद वह कारोबार के लिए ईरान में बस गए थे। पाकिस्तान के समक्ष गिरफ्तारी का कोई सटीक स्पष्टीकरण नहीं है।”
जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में आतंकवाद और जासूसी के आरोप में मौत की सज़ा दी थी। पाकिस्तान का दावा है कि उनके सुरक्षा बलों ने जाधव को 3 मार्च 2016 में बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया था जब वह ईरान की सीमा पार कर पाकिस्तान में दाखिल हो रहे थे।
हरीश साल्वे भी आईसीजे के समक्ष आर्टिकल 36 को मानवधिकार के संरक्षण के हथियार के रूप में मान्त्यता देने की बात कह चुके हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आईसीजे द्वारा दी गयी रियायत का गलत फायदा उठा रहा है।