पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर प्रसिद्ध कटास राज मंदिर को लेकर सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने पाकिस्तान में हिंदुओं के प्रसिद्ध कटास राज मंदिर से मूर्तियां गायब होने पर नाराजगी जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने मूर्तियों की अनुपस्थिति पर निर्वासित ट्रस्ट संपत्ति बोर्ड (ईटीपीबी) से स्पष्टीकरण मांगा है।
मुख्य न्यायाधीश मियां साकिब निसार की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने कटास राज मंदिर की खराब हालत पर स्वतः संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई की। दरअसल कटास राज मंदिर में भगवान राम, शिव और हनुमान की मूर्तियां गायब है।
इन मूर्तियों के गायब होने पर ही सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा है कि पाकिस्तान में रहने वाले अल्पसंख्यक हिंदुओं को अगर मंदिर में मूर्तियां नहीं दिखेगी तो वे क्या धारणा बनाएंगे।
कटास राज मंदिर का तालाब सूखने पर जताई नाराजगी
कोर्ट ने सीमेंट फैक्ट्री द्वारा इस्तेमाल किए गए ट्यूबवेल को बंद करने का आदेश दिया। दरअसल आसपास स्थित औद्योगिक इकाइयों द्वारा पानी का दुरूपयोग करने की वजह से कटास राज मंदिर का तालाब पूरी तरह से सूख गया है।
गौरतलब है कि कटास राज मंदिर दूसरा सबसे पवित्र हिंदू स्थल है और यह 600 ईस्वी पूर्व का बना हुआ है। कोर्ट ने इसे पाकिस्तान की सांस्कृतिक और राष्ट्रीय विरासत का एक हिस्सा भी माना है।
यहां पर स्थापित सीमेंट के कारखाने कई बोरवेलों के जरिए बड़ी मात्रा में पानी ले रहे है। जिस वजह से मंदिर का तालाब पूरी तरह से सूख गया है।
इस मंदिर व तालाब के निर्माण की कथा पौराणिक है। कहा जाता है भगवान शिव अपनी पत्नी सती के वियोग में जब रोए थे तो उनके आंसूओं से इस मंदिर का तालाब बना था।