पाकिस्तानी कानूनी टीम मंगलवार को नीदरलैंड के हेग में पंहुच गयी है। अंतरराष्ट्रीय अपराधिक अदालत कल कुलभूषण जाधव मामले में अपना फैला सुना सकती है। इस टीम की अध्यक्षता पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल अनवर मंसूर खान कर रहे हैं और इसमें विदेश विभाग के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल भी शामिल है।
आईसीजे जाधव पर कल देगा फैसला
48 वर्षीय पूर्व नौसैन्य अधिकारी कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने 11 अप्रैल 2017 में सजा ए मौत का दंड दिया था। जाधव पर जासूसी के आरोप थे। पाकिस्तान के खिलाफ भारत ने आईसीजे के दरवाजे खटखटाये थे क्योंकि इस्लामाबाद ने इस मामले में राजनयिक पंहुच न देकर साल 1963 की वियना संधि का उल्लंघन किया था।
भारत ने दलील दी कि उन्हें जाधव की गिरफ्तारी की सूचना लम्बे समय तक नहीं दी थी और पाकिस्तान जाधव को उनके अधिकारों के बाबत सूचित करने में भी असफल रहा है। भारत ने आरोप लगाया कि निरंतर आग्रह के बावजूद पक्सितन ने जाधव तक राजनयिक पंहुच देने से इंकार कर दिया था।
आईसीजे की अब तक की प्रक्रिया
18 मई 2017 को आईसीजे की 10 सदस्यीय पीठ ने इस मामले की सुनवाई तक जाधव को मृत्युदंड न देने का हुक्म दिया था। इस साल फ़रवरी में जाधव की सुनवाई के दौरान पाकिस्तान की तरफ से पांच दायर याचिकाओं को आईसीजे ने खारिज किया था।
इस याचिका में जाधव का कथित कबूलनामा भी शामिल था और न्यायधीशो की पीठ में शामिल पाकिस्तानी जज के बीमार पड़ने के कारण सुनवाई को रोकने का भी आग्रह किया था। 18 फ़रवरी को जाधव के मामले की सुनवाई चार दिनों तक चली थी।
पाकिस्तान ने आईसीजे से भारत के जाधव को रिहा करने की याचिका को खारिज करने का आग्रह किया है। इस केस में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि पाकिस्तान सैन्य अदालत की कार्रवाई और कुलभूषण जाधव को मौत की सजा, उचित प्रक्रिया को संतुष्ट करने में विफल रही है।
हरीश साल्वे ने बताया कि “25 दिसंबर 2017 को जाधव को उसके परिवार से मिलने की अनुमति पाक सरकार ने दी थी। पाक ने परिवार को जिस तरीके से जाधव से मिलवाया, इस अमानवीय प्रयास के खिलाफ भारत ने 27 दिसंबर को विरोध जताया था।”