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    पाकिस्तान चीन

    चीन-पाकिस्तान इकनोमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) प्रोजेक्ट की लंबी अवधि योजना (एलटीपी) को पाकिस्तान द्वारा 18 दिसंबर को सार्वजनिक किया जाएगा। 21 नवंबर को इस्लामाबाद में हुई सातवीं संयुक्त सहयोग समिति बैठक में सीपीईसी के लिए दीर्घावधि योजना (2017-30) को मंजूरी दी थी।

    पाकिस्तान की विकास परियोजनाओं व विशेष आर्थिक क्षेत्रों पर सहमति के बिना ही इसे मंजूर कर लिया गया था। अब पाकिस्तान इस समझौते को सार्वजनिक करने जा रही है।

    पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री एहसान इकबाल ने घोषणा की है कि सीपीईसी के लिए दीर्घावधि योजना को 18 दिसंबर को सार्वजनिक किया जाएगा।

    चीन वन बेल्ट वन रोड पहल को साल 2013 में लाया था। इस परियोजना में रेलवे, सड़कों और पाइपलाइनों का नेटवर्क शामिल है जो पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से होकर चीन के शिंजियांग प्रांत तक गुजरेगा।

    सीपीईसी प्रोजेक्ट के खिलाफ पाकिस्तान में ही विरोध किया जा रहा है। सीपीईसी के जरिए पाकिस्तान सरकार गुप्त तरीके से चीन का लाभ पहुंचा रही है।

    सीपीईसी परियोजना पाकिस्तान के लिए गेम-चेंजर

    मंगलवार को सीपीईसी व्यवसाय अवसर सम्मेलन में सभा को संबोधित करते हुए एहसान इकबाल ने कहा कि सीपीईसी योजना पाकिस्तान के लिए गेम-चेंजर साबित होगी। सीपीईसी से जुड़ने में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। सीपीईसी की वजह से बिना किसी हानि के हम तेजी से बढ़ रहे है।

    इस दौरान पाक मंत्री एहसान इकबाल ने पश्चिमी देशों की आलोचना करते हुए कहा कि अफगानिस्तान में युद्ध के दौरान अमेरिकी और यूरोपीय लोगों ने क्या किया है। उस युद्ध की वजह से यूरोप तो सुरक्षित हो गया लेकिन पाकिस्तान आज भी उसकी कीमत चुका रहा है।

    गौरतलब है कि पाकिस्तान में सीपीईसी को लेकर काफी विरोध-प्रदर्शन हो रहा है। सीपीईसी के जरिए चीन, पाकिस्तान को कर्ज के तले दबाना चाहता है। सीपीईसी प्रोजेक्ट पीओके व गिलगित-बल्तिस्तान से होकर गुजर रहा है। जिसे लेकर पाक नागरिकों ने चिंता जताई है।

    यहां के लोग सीपीईसी के तहत संसाधनों की लूट का आरोप लगा रहे है। सीपीईसी की वजह से गिलगित-बल्तिस्तान में अनैतिक करों को लागू करने के खिलाफ लोग आवाज उठा रहे है।