उत्तर कोरिया तानाशाह किम जोंग-उन के लगातार मिसाइल व परमाणु परीक्षण कार्यक्रम के बाद अब उस पर संकट मंडराने लगा है। अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया जैसे विशाल शक्तिशाली देश कभी भी उत्तर कोरिया शासन का अंत कर सकते है। इसी के मद्देनजर चीन ने शांतिपूर्ण तरीके से उत्तर कोरिया सीमा के पास शरणार्थी शिविरों का निर्माण करना शुरू कर दिया है।
चीन गुपचुप तरीके से उत्तर कोरिया से लगती सीमा के पास शरणार्थी शिविर नेटवर्कों का निर्माण कर रहा है। ताकि उत्तर कोरिया में अस्थिरता के बाद वहां से विस्थापित लोगों को इन शिविरों में ठहराया जा सके।
चीन ने पहले ही अनुमान लगा लिया है कि उत्तर कोरिया में कभी भी अस्थिरता आ सकती है व शासन पर हमला हो सकता है। इसलिए चीन ने उत्तर कोरिया के संभावित मानवीय पलायन को देखते हुए तैयारी शुरू कर दी है।
गौरलतब है कि वर्तमान में कोरियाई प्रायद्वीप पर तनाव की गंभीर स्थिति बनी हुई है। आशंका जताई जा रही है कि कभी भी युद्ध हो सकता है और उत्तर कोरिया शासन में अस्थिरता हो सकती है। जिसके चलते वहां के नागरिक देश छोड़ने को मजबूर भी हो सकते है।
जिलिन प्रांत में कम से कम पांच शरणार्थी शिविर बनाए गए
चीन द्वारा गुपचुप तरीके से निर्माण किए जा रहे शिविरों की जानकारी सबसे पहले अंग्रेजी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने दी। एक सरकारी दूरसंचार कंपनी की ओर से आंतरिक दस्तावेज लीक होने से पता चला कि उसे इंटरनेट सेवा प्रदान करने के लिए उसी क्षेत्र में काम सौंपा गया है।
चीन मोबाइल दस्तावेजों से चीन के जिलिन प्रांत में कम से कम पांच शरणार्थी शिविरों बनने की योजना के बारे में पता चला है। ये दस्तावेज पिछले सप्ताह से सोशल मीडिया और विदेशी चीनी वेबसाइटों पर प्रसारित हुए है।
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की कमेटी और चांगबई काउंटी की सरकार ने उत्तर कोरियाई के संभावित विस्थापित होने वाले नागरिकों के लिए पांच शरणार्थी शिविरों की स्थापना का प्रस्ताव रखा है।
वहीं चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने नियमित प्रेस ब्रीफिंग के दौरान किसी भी शिविरों के निर्माण होने से इंकार कर दिया है। संभावना है कि अभी चीन सरकार ये जानकारी सार्वजनिक रूप से नहीं देना चाहती है।