Sat. Nov 23rd, 2024
    भारत और रूस

    रूस ने भारत को उसके महत्वकांक्षी मानव आन्तरिक उड़ान कार्यक्रम गगनयान में सहायता करने का वादा किया है जिसका मकसद साल 2022 तक अन्तरिक्ष पर अन्तरिक्षयात्री को भेजना है। शुक्रवार को नई दिल्ली के एक अधिकारिक बयान में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और रोस्कोस्मोस के डायरेक्टर जनरल और पूर्व उप प्रधानमन्त्री दमित्री रोगोजिन की हैदराबाद हाउस में गुरूवार को मुलाकात हुई थी।

    इस बैठक में अन्तिक्ष सहयोग के सभी पहलुओं पर चर्चा हुई थी। रोस्कोस्मोस के आला प्रतिनिधि, ग्लावकास्मोस, एनेर्जिया और एनेर्गोमाश रुसी पक्ष की तरफ से मौजूद थे। जबकि भारतीय पक्ष से अन्तरिक्ष सचिव डॉक्टर सिवान और ह्यूमन स्पेस फ्लाइट प्रोग्राम के डायरेक्टर मौजूद थे। इसके अलावा अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।

    दोनों पक्षों ने भविष्य की तकनीको पर सहयोग के बाबत चर्चा की है। इसमें नई अन्तरिक्ष प्रणाली, राकेट इंजन, प्रोपेल्लेंट्स और प्रोपल्शन सिस्टम्स, स्पेसक्राफ्ट और लांच वाहन तकनीक पर चर्चा हुई थी। रुसी पक्ष ने कहा कि “वह अंतरराष्ट्रीय अन्तरिक्ष प्रणाली में भारत की भागीदारी को देखना चाहते हैं और इस मकसद के लिए पूरे सहयोग का प्रस्ताव दिया है।”

    नई दिल्ली के मेक इन इंडिया कार्यक्रम की प्राथमिकता पर विचार करते हुए, भारत में आन्तरिक प्रणाली के उत्पादन पर चर्चा की गयी थी। बयान के मुताबिक, अन्तरिक्ष में सहयोग उभरा है क्योंकि भारत और रूस के बीच उच्च तकनीक के क्षेत्र में सहयोग बढ़ा है।

    आज, भारत के बाहरी अन्तरिक्ष में बढती काबिलियत के लिए नया सम्मान है। बाहरी अन्तरिक्ष के शांतिपूर्ण प्रचार के लिए रूस भारत को महत्वपूर्ण साझेदार के तौर पर देखता है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *