पाकिस्तान के सिंध प्रान्त में व्यापक संख्या में हिन्दुओं और सिखों ने एकत्रित होकर प्रदर्शन किया था। यह प्रदर्शन पाकिस्तान में जबरन हिन्दू लड़कियों का मुस्लिम धर्म में धर्मांतरण के खिलाफ हुआ था। 29 जून को एक हिन्दू नाबालिग लड़की पायल कुमारी का उसके अध्यापक कामरान सूमोर ने सिंध के थट्टा से जबरन अपहरण कर लिया था।
प्रदर्शनकारियों के हाथ में पायल को इन्साफ देने के बैनर थे और जबरन धर्मांतरण के खिलाफ विधेयक को लागू करने की मांग की गयी थी। उन्होंने पाकिस्तानी प्रधानमन्त्री इमरान खान की भी आलोचना की कि वह देश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों का संरक्षण नहीं कर रहे हैं।
एक सिख प्रदर्शनकारी ने भीड़ को संबोधित करते हुए कहा कि “प्रधानमन्त्री पद पर चयनित होने से पूर्व इमरान खान ने आतंकवाद से अल्दने और जबरन हिन्दू लड़कियों का धर्मांतरण करने के खिलाफ कार्य करने का वादा किया था। अब उनके विचार कहा है?”
उन्होंने कहा कि “400 साल पहले औरंगजेब जबरन हिन्दू लड़कियों का धर्मांतरण करता था। हिन्दू लड़कियों के संरक्षण के लिए सिखों ने काफी कुर्बानियां दी है और आज वाही हालात उत्पन्न हो रहे हैं। हम सभी को एकजुट होने की जरुरत है।हम प्रदर्शन करना जारी रखेंगे। सिर्फ तभी चीजे सुलझ सकती है। अगर हम घर पर बैठ गए, यह मामला कभी नहीं सुलझ सकेगा।”
प्रदर्शनकारियों ने इस मामले पर हर्षदीप को समर्थन करने का वादा किया है। भाषण में सिख प्रदर्शनकारी ने कहा कि “मैं समस्त विश्व में सिखों से कहना चाहता हूँ कि हमारे गुरु गुरु गोविन्द सिंह ने हिन्दुओ को बचाने के लिए अपने बच्चों की कुर्बानी दे दी थी। समस्त विश्व में सभी हिन्दुओं को एकजुट होना होगा और हिन्दू पीड़ितो को बचाना होगा।”
हाल ही में इस्लामकोट शहर में एक हिन्दू महिलाओं ने जबरन धर्मांतरण के खिलाफ एक व्यापक प्रदर्शन किया था। इसमें हिन्दू नाबालिग लड़कियों के जबरन धर्मांतरण मामलो और ईशनिंदा कानून के दुरूपयोग के खिलाफ आवाज़ उठायी थी। इस फ़रवरी और मार्च में पाकिस्तानी हिन्दू नेताओं ने इस मामलो को रेखांकित किया था।
इस दौरान दो हिन्दू बच्चियों रीना और रवीना का अपहरण किया गया था और उनका जबरन मुस्लिम मजहब में धर्मांतरण किया गया था।