वेनेजुएला की सरकार और विपक्षी दल तीन दिनों की गंभीर बातचीत के बाद गुरूवार को स्थायी शांति वार्ता के लिए रजामंद हो गए हैं। वेनेजुएला के मिरांडा राज्य के गवर्नर हेक्टर रोद्रिगुएज़ ने कहा कि “हम स्थायी शान्ति वार्ता की स्थापना के लिए राज़ी हो गए हैं और देश में शान्ति सुनिश्चित करने के लिए एकजुट होकर कार्य करने के हक़ में है।”
दक्षिणी अमेरिकी राष्ट्र आर्थिक और राजनीतिक संकट से जूझ रहा है। देश में राजनीतिक संकट इस वर्ष के शुरू में आया था जबकि आर्थिक संकट एक दशक पुराना है। वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने कहा कि यहाँ कुल छह टॉपिक हैं जिन पर विपक्ष के साथ बैठकर चर्चा करनी है।
निकोलस मादुरो ने कहा कि “हम विपक्ष और नॉर्वे की सरकार के साथ समझौते पर पंहुच गए हैं। हम गहन मुद्दों पर चर्चा नहीं कर रहे हैं। यहाँ ऐसे कुल छह टॉपिक्स हैं।” अमेरिका ने वेनेजुएला पर कई प्रतिबंधों को थोपा है जिससे हालात बेहद बिगड़ गए हैं।
वेनेजुएला में मादुरो को सत्ता से हटाने के लिए विपक्ष ने एक अभियान की शुरुआत की थी। संसद में विपक्ष के नेता ने खुद को देश का अंतरिम राष्ट्रपति घोषित कर दिया था और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था। अमेरिका ने तत्काल गुइडो को समर्थन दिया था।
साथ ही सरकार से तत्काल पद त्यागने और नए सिरे से चुनावो का आयोजन करने की मांग की थी। रूस, चीन और तुर्की जैसे देश सत्ताधारी राष्ट्रपति मादुरो का समर्थन कर रहे हैं और इन्होने देश में बाहरी दखलंदाज़ी की आलोचना की है। विपक्षी नेता को अमेरिका साहिर 50 पश्चिमी देशों का समर्थन है।
नॉर्वे की सरकार ने दोनों पक्षों को मई में ओस्लो में मुलाकात के लिए प्रोत्साहित किया था। दोनों पक्ष बीती मुलाकात में किसी समझौते पर पंहुचने में असमर्थ रहे थे। वेनेजुएला में आर्थिक और राजनीतिक संकट बरक़रार है और इस कारण 40 लाख लोग विदेशों की तरफ भागे हैं।