ब्रिटेन के व्यावसायिक जहाज को होरमुज़ जलमार्ग पर परेशान करने की कोशिश की अमेरिका ने गुरूवार को आलोचना की है। हाल ही में ब्रिटेन ने ईरान के तेल टैंकर को सीरिया की तरफ जाने के दौरान जब्त कर लिया था क्योंकि उन्हें इसमें तेल होने की आशंका थी।
अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पियो ने ट्वीट किया कि “आईआईजीसी नौसेना द्वारा ब्रिटेन के जहाज को होरमुज़ के बंदरगाह पर शोषित करना की अमेरिका आलोचना करता है। हम राजशाही नौसेना के नौचालन की आज़ादी को सुनिश्चित करने की सराहना करते हैं और हम अपने सहयोगियों के साथ कार्य करना जारी रखेंगे ताकि सुनिश्चित कर सके कि ईरानी शासन समुंद्री सुरक्षा और वैश्विक वाणिज्य में बाधा न पंहुचा सके।”
हाल ही में ईरान की तीन नावो ने ब्रिटेन के व्यवसायिक जहाज को नियंत्रण में लेने की नाकाम कोशिश की थी। नावो ने ब्रितानी हेरिटेज के मांर्ग को बाधित किया था। वांशिगटन ने कहा कि “ब्रितानी टैंकर ने होरमुज़ क्षेत्र के जलमार्ग से गुजर रहा था , जब तीन ईरानी जहाजो ने उसे घेर लिया था। इस दिन के आखिर में ब्रिटेन ने इसकी पुष्टि की थी।
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने बुधवार को ब्रिटेन को धमकी दी कि उन्हें ईरानी तेल टैंकर को जब्त करने के गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
अमेरिका और ईरान के बीच सम्बन्ध काफी वक्त से तनावग्रस्त हैं क्योंकि अमेरिका ने साल 2015 में हुई परमाणु संधि से खुद को हटा लिया था। इसके बाद तेहरान पर सभी प्रतिबंधों को वापस थोप दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि ईरान आतंकवाद और संघर्षों का समर्थन करता है।
ईरानी नावो ने इसके बाद ब्रितानी टैंकर को जब्त करने की कोशिश की तो अमेरिका की रॉयल नौसेना टुकड़ी,जो ब्रितानी जहाज के पीछे थी, ने ईरानी सैनिको पर बंदूके तान ली थी। उन्होंने ईरानी नावो को जहाज से वापस जाने का आदेश दिया। एक अमेरिकी एयरक्राफ्ट ने इस सारे दृश्य को रिकॉर्ड कर लिया था।
इस संधि पर पांच देशों ने हस्ताक्षर किये थे, इसमें रूस, अमेरिका, ब्रिटेन, चीन और जर्मनी थे और यूरोपीय संघ था। इसका मकसद ईरान के नागरिक उर्जा कार्यक्रम पर अंकुश लगाना था और भविष्य में तेहरान को परमाणु हथियारों को विकसित करने से रोकना था।
आईएईए के जांचकर्ताओं ने 1 जुलाई को निरीक्षित किया कि “ईरान का संवर्धन यूरेनियम 202.8 किलोग्राम से अधिक गया है। अभी यह 20 फीसदी से काफी कम है और यूरेनियम हथियारों के निर्माण के लिए 90 प्रतिशत की जरुरत होती है।”