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    पेरिस, 11 जुलाई (आईएएनएस)| फ्रांस की संसद ने गुरुवार को जीएएफए पर कर लगाने को मंजूरी प्रदान की। सीनेट में आखिरी वोट के बाद इसे स्वीकृति प्रदान की गई। इसके साथ फ्रांस डिजिटल कंपनियों पर कर लगाने वाले पहले देशों में शुमार हो गया।

    जीएएफए दरअसल, गूगल, एप्पल, फेसबुक और अमेजन के आरंभिक अक्षरों से बना एक शब्द-संक्षेप है।

    फ्रांस की संसद में विपक्ष द्वारा नियंत्रित उच्च सदन ने डिजिटल कर को मंजूरी प्रदान की। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, इसके बाद यूरोजोन के दूसरे सबसे शक्तिशाली देश फ्रांस में इंटरनेट कंपनियों को विज्ञापन, वेबसाइट और प्राइवेट डाटा की दोबारा बिक्री से संबंधित उनकी डिजिटल ब्रिकी पर तीन फीसदी कर चुकाना पड़ेगा।

    इससे पहले चार जुलाई को फ्रांस की संसद के निचले सदन नेशनल एसेंबली ने इस कर को मंजूरी प्रदान की।

    सकल डिजिटल बिक्री पर तीन फीसदी कर लगने से इस साल 40 करोड़ यूरो का संग्रह होगा और 2022 तक यह रकम 65 करोड़ यूरो होगी।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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