भारत और पाकिस्तान में लड़ाई कोई नई और अनोखी बात नहीं है। दोनों ही देश किसी ना किसी मुद्दे पर लड़ते ही रहते है। साल का शायद ही कोई ऐसा महीना होगा जब पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ कोई साजिश ना की हो या जिसमे भारत पाकिस्तान के बिच मनमुटाव की खबर ना सुनने को मिली हो।
दोनों ही देश एक दूसरे के खिलाफ खड़े नजर आते है। अंतराष्ट्रीय मुद्दों की बात फिर भी समझ आती है लेकिन अब दोनों मुल्क निजी मुद्दों पर भी लड़ाई लड़ने को आतुर है। निजी मुद्दे भी अब निजी नजर नहीं आ रहे है। गुजरात विधानसभा चुनाव तो अब मानों सार्वजनिक चुनाव हो गया है।
इस चुनाव में देश के बड़े बड़े नेता कोने कोने से अपना अपना योगदान दे रहे है। चलिए इतना तो फिर भी समझ आता है लेकिन चुनाव जीतने के लिए अब इसमें राजनितिक पार्टिया विदेशों पर भी दाव लगा रही है। दलित, महिला या जाति कार्ड का खेल तो हर चुनाव में खेला जाता है लेकिन इस चुनाव में एक और कार्ड खेला जा रहा है जिसका नाम है अंतराष्ट्रीय कार्ड।
चुनाव जीतने के लिए दोनों ही पार्टिया चीन और पाकिस्तान का सहारा ले रही है। घर की लड़ाई में बाहर वालो को घसीटना एक नई तरकीब है जो इस चुनाव में हिट नजर आ रही है। चीन और पाकिस्तान के मुद्दे सिर्फ कांग्रेस और बीजेपी के बिच ही नहीं हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बिच भी लड़ाई तेज हो गयी है।
पाकिस्तान ने भारत को अगाह किया है कि निजी लड़ाई में हिंदुस्तान हमें ना घसीटे। पाक के विदेश मंत्री फैसल खान ने कहा है कि साजिशों की बजाय मोदी को अपनी ताकत पर जीत हासिल करना चाहिए। पाकिस्तान के तरफ से ऐसे ट्वीट के आते ही भारत के प्रवक्ता एमओएस सुभाष भामरे ने इसका जवाब दिया है।
India should stop dragging Pakistan into its electoral debate and win victories on own strength rather than fabricated conspiracies, which are utterly baseless and irresponsible.
— Spokesperson 🇵🇰 MoFA (@ForeignOfficePk) December 11, 2017
भामरे ने दो पाकिस्तान को जवाब देते हुए कहा है कि “हम अपनी ताकत जानते हैं, हमें किसी की भी सलाह की ज़रूरत नहीं है”
भारत के इस जवाब के बाद लोगो ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रियाए देनी शुरू कर दी है। दोनों तरफ से शब्दों के तीर चोदे जा रहें है।