हैदराबाद, 8 जुलाई (आईएएनएस)| तेलंगाना उच्च न्यायालय ने सोमवार को राज्य सरकार को निर्देश दिया कि नया सचिवालय और विधानसभा भवन निर्माण तक मौजूदा सचिवालय भवनों और एर्रम मंजिल को ध्वस्त न करें।
राज्य सरकार मौजूदा संरचनाओं को ध्वस्त कर नए सचिवालय परिसर का निर्माण कराना चाहती है। इसके अलावा वह हेरिटेज भवन एर्रम मंजिल को गिराकर नए विधानसभा भवन का निर्माण करने की योजना बना रही है।
इस कदम के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए अदालत ने सरकार से कहा कि वह अगले आदेशों तक इस बाबत कोई कार्रवाई न करे।
सरकार को मामले में 15 दिनों के भीतर जवाब देने को कहा गया है। हालांकि न्यायालय ने साफ किया है कि अगले आदेश तक किसी भी इमारत को ध्वस्त नहीं किया जाए।
सरकार ने संदेश दिया कि वह बाद में दिन के समय मामले में अपना जवाब दाखिल करेगी।
विपक्षी पार्टियों सहित कई गैर-राजनीतिक दलों ने सरकार के इस कदम का विरोध करते हुए इसे जनता के पैसों का दुरुपयोग करार दिया।
हैदराबाद राज्य के एक कुलीन नवाब फकरुल मुल्क के वंशजों ने भी लगभग 150 साल पहले नवाब द्वारा बनाए गए पारिवारिक महल एर्रम मंजिल को ध्वस्त करने की योजना का विरोध किया है।
मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने 27 जून को दोनों भवनों के निर्माण के लिए आधारशिलाएं रखी थीं।
हुसैन सागर झील के पास पुराने सचिवालय को तोड़कर नए सचिवालय परिसर को बनाने की लागत 400 करोड़ रुपये के आस-पास आएगी।
विधानसभा भवन का निर्माण एर्रम मंजिल से होकर किया जाएगा, जो वर्तमान में सड़क और भवन विभाग का कार्यालय है।
100 करोड़ रुपये की लागत से विधानसभा भवन का निर्माण किया जाएगा।
सरकार की योजनाओं का विरोध करते हुए विपक्षी दलों ने कहा कि इससे जनता का पैसा बर्बाद होगा, क्योंकि मौजूदा इमारतें स्थिर हैं और अपने उद्देश्यों की पूर्ति कर रही हैं।