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    नरेंद्र मोदी रोहिंग्या मुस्लिम

    भोपाल, 8 जुलाई (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश के मुस्लिम समाज के एक वरिष्ठ अधिकारी फिर चर्चाओं में हैं, क्योंकि वह अपने नॉवल के लिए ऐसा नाम खोज रहे हैं, जिससे उनकी पहचान जाहिर न हो। इसके लिए उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट किए ।

    उप सचिव स्तर के अधिकारी नियाज खान ने मॉब लिंचिंग की घटनाओं को लेकर चिंता जताते हुए ट्वीट किया है कि वे अपनी पहचान छिपाने के लिए नया नाम ढूंढ रहे हैं। नियाज ने शनिवार को ट्वीट कर लिखा, “नया नाम मुझे हिसक भीड़ से बचाएगा। अगर मेरे पास कोई टोपी, कोई कुर्ता और कोई दाढ़ी नहीं है तो मैं भीड़ को अपना नकली नाम बताकर आसानी से निकल सकता हूं। हालांकि, अगर मेरा भाई पारंपरिक कपड़े पहन रहा है और दाढ़ी रखता है तो वह सबसे खतरनाक स्थिति में है।”

    उन्होंने एक अन्य ट्वीट में विभिन्न संस्थाओं पर सवाल उठाते हुए लिखा, “चूंकि कोई भी संस्थान हमें बचाने में सक्षम नहीं है, इसलिए नाम को स्विच करना बेहतर है।”

    उन्होंने एक पुस्तक ‘टेल ऑफ ए नॉक्टर्नल लवर’ की तस्वीर के साथ लिखा, “पिछले छह महीनों से मैं पुस्तक के लिए और अपने लिए एक नया नाम ढूंढ रहा हूं ताकि मैं अपनी मुस्लिम पहचान छिपा सकूं। खुद को नफरत की तलवार से बचाने के लिए यह जरूरी है।”

    नियाज ने आगे लिखा, “मेरे समुदाय के बॉलीवुड अभिनेताओं को भी अपनी फिल्मों की सुरक्षा के लिए एक नया नाम ढूंढना शुरू करना चाहिए। अब तो टॉप स्टार्स की फिल्में भी फ्लॉप होने लगी हैं। उन्हें इसका अर्थ समझना चाहिए।”

    नियाज खान पहले भी चर्चाओं में आ चुके हैं। वह इससे पहले अपराधी अबू सलेम पर भी किताब लिख चुके हैं। किताब लिखने के लिए उन्होंने अबू सलेम के साथ जेल में रहने की इच्छा भी जताई थी, हालांकि उन्हें इसकी इजाजत नहीं मिली थी। वहीं इसी साल जनवरी में भी उन्होंने खुद के मुसलमान होने की पीड़ा ट्विटर पर लिखी थी।

    लगभग छह माह पहले नियाज खान ने लिखा था कि खान सरनेम भूत की तरह उनके पीछे पड़ा है। इसकी वजह से उन्हें कई बार प्रताड़ित होना पड़ा है। दरअसल इसके जरिए नियाज खान ने अपने सीनियर अफसर की प्रताड़ना का दर्द सबके सामने रखा था और लिखा था कि मुसलमान होने के कारण उन्हें भेदभाव का शिकार होना पड़ता है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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