आकांशा सिंह जिन्हे टीवी शो ‘ना बोले तुम ना मैंने कुछ कहा’ और ‘गुलमोहर ग्रैंड’ के लिए जाना जाता है, वह हाल ही में अपने पति कुणाल सैन के साथ अपने गृहनगर जयपुर गयी थी। उन्होंने अभी तमिल और तेलगु स्पोर्ट्स फिल्म ‘क्लैप’ का अपना पहला स्केड्यूल खत्म किया है और इसलिए अपने जयपुर का ट्रिप तीन दिन ज्यादा बढ़ा दिया है।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया को उन्होंने बताया-“जयपुर मेरा गृहनगर है, इसलिए जब भी मुझे काम से थोड़ा समय मिलता है, मैं यहां आती हूँ। मेरे पास कुछ समय था, इसलिए मैंने अपनी यात्रा को आगे बढ़ाने का सोचा।”
और आकांक्षा अपने ही शहर में एक पर्यटक बन गई हैं। उनके मुताबिक, “मैं एक पर्यटक की तरह पुराने शहर में घूमती रही थी। मुझे पुराने जयपुर में घूमने और हवा महल और अल्बर्ट हॉल म्यूजियम का दौरा करने की तीव्र इच्छा जगी। मैं पहले भी दीवार से घिरा शहर जा चुकी हूँ, लेकिन यह बहुत पहले था।
जब से मैं मुंबई में शिफ्ट हुई हूँ, मेरी जयपुर यात्रा केवल मेरे घर और आस-पास के इलाकों तक ही सीमित है। मुझे यह देखकर आश्चर्य हुआ कि इतनी सारी नई चीजें और कैफे आ गए हैं।”
“यह बहुत ही शानदार अनुभव था, जिसने मुझे एक बार फिर एहसास दिलाया कि जयपुर कितना खूबसूरत है। मुझे अपने शहर को एक नई रोशनी में देखने को मिला-“आकांक्षा ने कहा।
‘बद्रीनाथ की दुल्हनिया’ के साथ बॉलीवुड डेब्यू करने के बाद, आकांक्षा ने दक्षिण की ओर रुख किया। उन्होंने दो तेलुगु फ़िल्में की, ‘मल्ली राव’ और ‘देवदास’ और अभी जल्द ही रिलीज़ होने वाली कन्नड़ फिल्म ‘पेलवान’।
आकांक्षा दक्षिण फिल्म उद्योग में अपने काम का आनंद ले रही है, लेकिन कहती है कि यह सब संयोग से हुआ। उनके मुताबिक, “मेरा शो ‘ना बोले तुम ना मैने कुछ कहा’, तेलुगु और तमिल में डब किया गया था, और मुझे इसके बारे में कुछ नहीं पता था। एक कास्टिंग निर्देशक (दक्षिण फिल्मों से) ने मुझे देखा और मुझसे पूछा कि क्या मुझे एक दक्षिण फिल्म करने में दिलचस्पी है। मैंने इसे एक मौका दिया और तब से पीछे मुड़कर नहीं देखा। जब तक मुझे अच्छी भूमिकाएँ मिल रही हैं, भाषा कुछ मायने नहीं रखती है।”
लेकिन अभिनेत्री ने बॉलीवुड फिल्मों के लिए ऑडिशन देना बंद नहीं किया है। उन्होंने कहा-“ईमानदारी से, बॉलीवुड में प्रवेश करना बहुत कठिन है। ‘बद्रीनाथ की दुल्हनिया’ के बाद, मैं उम्मीद कर रही थी कि मुझे अधिक हिंदी फिल्मों में काम करने का मौका मिलेगा, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।
फिर मुझे दक्षिण भारतीय सिनेमा में काम करने का मौका मिला और मेरी किस्मत मुझे वहीं ले गई। मैं बेहद खुश हूँ क्योंकि मुझे मजबूत भूमिकाएं मिल रही हैं। मुझे अपनी स्क्रिप्ट्स (अंग्रेजी में अनुवादों के साथ) एक महीने पहले मिल जाती हैं ताकि मैं अपने डायलाग याद कर सकूं। ये कहते हुए, मैं बॉलीवुड फिल्मों के लिए लुक टेस्ट भी दे रही हूँ। देखते हैं, मेरे लिए भविष्य में क्या-क्या है।”