नई दिल्ली, 5 जुलाई (आईएएनएस)| देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को संसद में अपना पहला बजट पेश करते हुए भाषण की शुरुआत में चाणक्यनीति का हवाला दिया। इसके अलावा उन्होंने उर्दू शेर पढ़े और तमिल कविता का प्रयोग भी किया।
साथ ही शेर के लफ्जों का सही उच्चारण में दिक्कत के लिए संसद से माफी भी मांगी। वित्तमंत्री ने स्वामी विवेकानंद के हवाले से महिला सशक्तीकरण पर जोर दिया और कहा, “भारत की परंपरा ‘नारी से नारायणी’ मानने की रही है। नारी को देवी समान माना गया है।” उनकी इस बात की सदन में काफी प्रशंसा हुई।
निर्मला ने कर्म नीति की व्याख्या करने के क्रम में एक तमिल कविता को भी उद्धृत किया। इसके बाद उन्होंने कविता के छंद का अर्थ भी समझाया।
बजट दस्तावेज को ब्रीफकेस में साथ लेकर जाने की परंपरा रही है, लेकिन निर्मला उसे तहदार एक लाल कपड़े में लपेटकर ले गईं।
वित्तमंत्री निर्मला को पहला बजट पेश करते हुए देखने के लिए उनके माता-पिता भी संसद पहुंचे थे।