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    नई दिल्ली, 5 जुलाई (आईएएनएस)| सरकार ने अगले पांच वर्षो के दौरान ढांचागत संरचना में 100 लाख करोड़ रुपये निवेश करने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित की जाएगी, जो दीर्घ अवधि की वित्त उपलब्धता के संबंध में वर्तमान स्थिति और विकास वित्त संस्थाओं के बारे में हमारे पूर्व के अनुभव का अध्ययन करेगी।

    केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारामन ने शुक्रवार को लोकसभा में 2019-20 का केन्द्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि समिति विकास वित्त संस्थाओं के माध्यम से कोष प्रवाह और संरचना के संबंध में अनुशंसाएं प्रदान करेगी।

    वित्तमंत्री ने कहा कि आवास क्षेत्र के दक्षतापूर्ण नियमन के लिए आवास वित्त क्षेत्र के नियमन प्राधिकरण को एनएचबी से वापस लेकर आरबीआई को पुन: सौंपा जाएगा। इस संबंध में वित्त विधेयक में आवश्यक प्रस्ताव शामिल किए गए हैं।

    सदस्यों के हितों को ध्यान में रखते हुए तथा पीएफआरडीए से एनपीएस ट्रस्ट के संबंध से समान दूरी रखते हुए पीएफआरडीए से एनपीएस ट्रस्ट को पृथक करने के लिए कदम उठाए जाने का प्रस्ताव दिया गया है। इसके लिए उचित सांगठनिक संरचना भी गठित की जाएगी। अंतर्राष्ट्रीय बीमा लेन-देन और विदेशी बीमा कम्पनियों की शाखाओं को खोलने के संबंध में वित्तमंत्री ने कहा कि कुल पूंजी आवश्यकता को 5000 करोड़ रुपये से कम करके 1000 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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