मुंबई, 4 जुलाई (आईएएनएस)| मशहूर पाश्र्व गायक जावेद अली का कहना है कि ज्यादातर संगीतकार उन्हें ऐसे गीत गाने को कहते हैं जो या तो सेमी-क्लासिकल होते हैं या उनका रचाव पेचीदा होता है। जावेद ने कहा, “मुझे अक्सर जटिल गीत गाने को मिलते हैं, जिनमें ‘हरकत’ होती है और जो सेमी-क्लासिकल या मुश्किल है।
शायद मेरी आवाज की वजह से वे गाने आसानी से हाई और लो नोट में व्यवस्थित हो जाते हैं, लेकिन ईमानदारी से मुझे नहीं लगता है कि इसका श्रेय मुझे जाता है। यदि मेरा गायन श्रोताओं के मन में लंबे समय तक प्रभाव छोड़ता है तो यह ऊपरवाले की नेमत है।”
कव्वाली गायक हामिद हुसैन के बेटे जावेद ने बचपन से ही संगीत में अपना प्रशिक्षण शुरू कर दिया था। उनका मानना है कि औपचारिक प्रशिक्षण और नियमित अभ्यास एक गायक के लिए बहुत जरूरी है।
जावेद ‘सुपरस्टार सिंगर’ के जजों में से एक हैं। यह बच्चों के लिए एक म्यूजिक रियलिटी शो है। इसका प्रसारण सोनी एंटरटेनमेंट चैनल पर किया जाता है।
प्रतिभागियों में वह क्या देखते हैं? इस सवाल पर जावेद ने कहा, “बच्चों को परफॉर्म करते हुए देखने के बारे में अच्छी चीजों में से एक यह है कि वे कितने प्रतिभाशाली हैं। इसे समझने के लिए वे बहुत मासूम होते हैं।”
“अगर आप उनसे गाने को कहेंगे तो जो भी ट्रेनिंग उन्हें मिली है और जितना अभ्यास किया है उसी के आधार पर गाएंगे। खासकर ऑडिशन के दौरान, मैंने देखा है कि उनका परफॉर्मेस काफी मासूम होता है..यह बहुत ही अच्छा है। मैं वास्तव में उनसे इन चीजों को सीखता हूं।”
शंकर महादेवन, ए.आर.रहमान और प्रीतम जैसे संगीत निर्देशकों के साथ काम कर चुके जावेद अली से जब पूछा गया कि उन्होंने इनसे क्या सीखा तो जावेद का कहना था कि ए.आर.रहमान अपने गायकों को आजादी देते हैं और उन्हें अपनी तरह गाने को देते हैं।
उन्होंने कहा, “वह मेरे अंदर ऐसी चीजों को ढूंढ़कर निकालते हैं, जिनके बारे में मैं खुद ज्यादा नहीं जानता।”
जावेद ने प्रीतम के बारे में कहा, “प्रीतम दा मुझे ऐसे गाने देते हैं जिनके सुर ऊंचे होते हैं। मुझे लगता है कि उन्हें हाई पीच सिंगिंग पसंद है। वह मुझे ऐसी चुनौतियां देते हैं जिन्हें मैं स्वीकार करता हूं।”