Sat. Nov 23rd, 2024
    वासेनर भारत

    भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ी जीत हासिल हुई है। दरअसल गुरूवार को भारत वासेनर व्यवस्था का आधिकारिक सदस्य बन गया है। वासेनर व्यवस्था एक बहुपक्षीय निर्यात नियंत्रण शासन है जो क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए स्थापित किया गया है। भारत इसमे शामिल होने के साथ ही पारंपरिक हथियारों के वैश्विक व्यापार को नियंत्रित करने वाले समूह का सदस्य बन गया है।

    रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने बुधवार को कहा था कि गुरूवार को भारत के वासेनर व्यवस्था में शामिल होने के पूरे आसार है। रयाबकोव का कहा सच हो गया है और भारत वासेनर व्यवस्था का 42वां देश बन गया है।

    गौरतलब है कि वियना में वासेनर व्यवस्था का दो दिवसीय सम्मेलन बुधवार व गुरूवार को आयोजित किया गया था। भारत ने वासेनर व्यवस्था में शामिल होने के लिए पहले से ही आवेदन कर रखा था। इसका सदस्य बनने के लिए भारत कड़ी मेहनत कर रहा था।

    फ्रांस के राजदूत एलेक्जेंडर ज़िग्लर ने फ्रांस की तरफ से भारत के वासेनर व्यवस्था में शामिल होने पर बधाई दी है। इससे भविष्य में भारत फ्रांस सम्बन्ध और मजबूत होते दिखाई दे रहे हैं। गौरतलब है कि एलेक्जेंडर ज़िग्लर इस साल वासेनर व्यवस्था के अध्यक्ष और भारत की उम्मीदवारी के सह-दूत है।

    एनएसजी में भारत के दावे को मिलेगी मजबूती

    भारत के विदेश मंत्रालय ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और फ्रांस के विदेश मंत्री जीन-यवेस ली ड्रायन को टैग करते हुए उन्होंने कहा कि मिसाइल तकनीकी नियंत्रण व्यवस्था (एमटीसीआर) के बाद भारत की बढ़ती भूमिका को आज एक बार फिर मान्यता मिल गई है।

    वासेनर व्यवस्था के समूह ने बयान जारी कर कहा कि इसमें शामिल देशों ने सदस्यता के लिए आवेदनों की समीक्षा की और भारत के आवेदन को जांचने के बाद बैठक में शामिल सदस्यों ने भारत की सदस्यता के लिए पूर्ण सहमति जताई है।

    साथ ही कहा कि भारत को शामिल करने के लिए सभी आवश्यक प्रक्रियात्मक व्यवस्था पूरी कर ली गई है। गौरतलब है कि भारत पहले से ही एमटीसीआर का सदस्य बन चुका है। अब वासेनर व्यवस्था की सदस्यता मिलने से एनएसजी में शामिल होने के लिए भारत अपनी प्रतिबद्धता को बढ़ा सकता है।

    वर्तमान में भारत अभी एनएसजी व ऑस्ट्रेलिया समूह का सदस्य नहीं है। अब वासेनर व्यवस्था में शामिल होने से एनएसजी के लिए भारत की दावेदारी मजबूत हो सकती है। रूस, फ्रांस, जर्मनी और अमेरिका ने भारत का समर्थन किया है।