लखनऊ, 2 जुलाई (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश सचिवालय सेवा के कर्मचारी के साथ कैसरबाग के क्षेत्राधिकारी (सीओ) द्वारा की गई अभद्रता का मामला गरमा गया है।
लोक भवन में कैबिनेट बैठक के पहले कर्मचारी प्रदर्शन करने लगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भवन में मौजूद रहते इनका प्रदर्शन तेज होता गया। इस मामले में मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव गृह का कार्यभार संभाल रहे अवनीश कुमार अवस्थी को तलब किया है।
सचिवालय सेवा संघ का आरोप है कि सोमवार को नियमित चेकिंग के दौरान समीक्षा अधिकारी मनोज प्रजापति के साथ सीओ कैसरबाग ने मारपीट की। आज कैबिनेट बैठक के दौरान धरना देने वाले कर्मचारी कानून एवं विधि मंत्री ब्रजेश पाठक से वार्ता के बाद धरना समाप्त करने के लिए तैयार हो गए थे, लेकिन ये लोग दोबारा लोक भवन में धरने पर बैठ गए। इनकी मांग दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की है।
प्रमुख सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी के साथ वार्ता भी चल रही है। अवस्थी ने कहा है कि 24 घंटे में शिकायत पर कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद जांच के बाद जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी।
इससे पहले नाराज सचिवालय कर्मचारियों को मंत्री बृजेश पाठक के प्रमुख सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी मनाने पहुंचे।
ज्ञात हो कि कैसरबाग में कार छुड़ाने गए समीक्षा अधिकारी मनोज कुमार प्रजापति ने पुलिस पर थाने में बंधक बनाकर पीटने का आरोप लगाया है। मनोज का आरोप है कि कैसरबाग के सीओ अमित कुमार राय के साथ दरोगा, सिपाही व होमगार्डो ने उन्हें जमीन पर गिराकर पीटा। घसीटते हुए हवालात में ले जाकर बंद कर दिया।
मनोज का आरोप है कि उनके खिलाफ पुलिस से मारपीट करने व सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने के आरोप में शांतिभग की कार्रवाई करते हुए उन्हें हिरासत में ले लिया। कई घंटे बाद उन्हें जमानत पर छोड़ा गया। उन्होंने सचिवालय संघ के अध्यक्ष यादवेंद्र मिश्रा को आपबीती बताई, जिसके बाद सचिवालय कर्मियों में आक्रोश फैल गया।
इस बीच, इंस्पेक्टर अजय कुमार सिंह ने समीक्षा अधिकारी के आरोपों को गलत बताया है। उनका कहना है कि समीक्षा अधिकारी ही अराजकता कर रहे थे। इस पर उनके खिलाफ शांतिभंग की कार्रवाई की गई है।