ईरान ने मंगलवार को व्हाइट हाउस के आरोपों का खंडन किया था कि तेहरान लम्बे समय से वैश्विक समुदाय के साथ हुई परमाणु संधि का उल्लंघन कर रहा है। ईरान ने कहा कि “वह संधि के तहत कम संवर्द्धित यूरेनियम का उत्पादन कर रहे थे।”
ईरान आग के साथ खेल रहा है
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव स्टेफनी ग्रीषम ने कहा कि “इसमें बेहद काम शंका है कि संधि की मौज़ूदगी से पूर्वी भी ईरान का शर्तो का उल्लंघन करता था।” ट्वीटर पर ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने कहा कि “वाकई।” हाल ही में डोनाल्ड ट्रम्प ने चेतावनी जारी कर कहा कि “ईरान आग के साथ खेल रहे है।”
ईरान ने संधि की कुछ प्रतिबद्धताओं से मुंह मोड़ लेने का ऐलान किया था। ज़रीफ़ ने कहा कि “यह कदम संधि का उल्लंघन नहीं है। अमेरिका के संधि तोड़ने के लिए तेहरान अपने अधिकार से जवाब दे रहा है।” हाल ही में ट्रम्प ने ईरान पर हमले के आदेश दिए थे लेकिन हमले से कुछ समय पूर्व ही इसे रद्द कर दिया था।
ईरान की न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक, देश के संवर्द्धित यूरेनियम भण्डार 300 किलोग्राम से अधिक हो गया है। जो संधि के तहत तय था। यूएन के परमानी निगरानी कर्ता यानी अंतरराष्ट्रीय परम्माणु ऊर्जा एजेंसी ने विएना में पुष्टि की थी कि ईरान ने सीमा का उल्लंघन किया है।
ईरान के लिए कोई सन्देश नहीं
ट्रम्प से ईरान के बाबत कोई सन्देश पूछने पर डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि “नहीं, कोई संदेश नहीं है। वे जानते हैं कि वे क्या कर रहे हैं। वे जानते है कि वे किससे खेल रहे हैं। मेरे ख्याल से वह आग के साथ खेल रहे हैं। इसलिए ईरान के लीये कोई सन्देश नहीं है।”
इस संधि में यूरोपीय ताकते अभी इस संधि में शामिल है और इसे बरक़रार रखने की कोशिश भी कर रहा है। उन्होंने ईरान से कोई भी ऐसा कदम न उठाने का आग्रह किया जिससे संधि का उल्लंघन हो। व्हाइट हॉउस ने आरोप लगाया कि ईरान ने परमाणु संधि का उल्लंघन किया था। जनवरी में सीनेट ख़ुफ़िया समिति ने कहा कि “उस क्षण में तकनीकी तौर पर वे अनुपालन में थे।”
आर्म्स कण्ट्रोल एसोसिएशन की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डेरिल कम्बल ने कहा कि “व्हाइट हॉउस के आरोप तर्कहीन है। उन्होंने उस वक्त की बात की है जब परमाणु डील पूरी हो चुकी थी। तेहरान और आईएईए रोडमैप पर राज़ी हो गए थे। उन्होंने कहा कि “यह प्रक्रिया भी जारी है।”
उन्होंने कहा कि “कोई भी अंतरराष्ट्रीय मानक ईरान को यूरेनियम के उत्पादन करने से नहीं रोक सकते हैं। यह कोई मामला नहीं है। वह अमेरिका की स्थिति है। यह अमेरिका ही था जिसने पहले संधि का उल्लंघन किया और बाद ट्रम्प ने इससे अमेरिका को हटा लिया जबकि ईरान अभी भी इसका अनुपालन कर रहा है। इसके बाद ईरान ने कड़े कड़े प्रतिबंधों को दोबारा थोप दिया था।”