अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को कहा कि “चीनी समकक्षी शी जिनपिंग से मुलाकात के दौरान उन्होंने हांगकांग प्रदर्शन पर संक्षेप में चर्चा की थी। मेरी ख्वाहिश है कि यह मामला जल्द सुलझ जाए।” ओवल दफ्तर में ट्रम्प ने पत्रकारों से कहा कि “मैंने दुर्लभ ही ऐसा प्रदर्शन देखा होगा, इसे देखना बेहद दुखद था। मुझे उम्मीद है कि जल्द ही यह मामला सुलझ जायेगा।”
उम्मीद है विवाद सुलझ जायेगा
डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि “मैं राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ था और हम दोनों ने संक्षेप में इस मामले पर चर्चा की थी।” दोनों नेताओं ने जी-20 के सम्मेलन के इतर द्विपक्षीय मुलाकात की थी। ट्रम्प का बयान उस दौरान आया जब हांगकांग में प्रदर्शन हिंसक हो गया है।
अमेरिका के राज्य विभाग ने भी हांगकांग में शान्ति की मांग की है। जी-20 के सम्मेलन के इतर चीन ने साफ़ कर दिया था कि वह हांगकांग मामले को वैश्विक सम्मेलन में उठाने की अनुमति नहीं देंगे। हांगकांग प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने प्रत्यर्पण बिल और हांगकांग में चीन के हस्तक्षेप के खिलाफ जापानी शहर में प्रदर्शन किया था।
हालिया समय में हांगकांग के प्रदर्शनकारियों ने प्रत्यर्पण विधेयक के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया था। सोमवार को पुलिस ने बयान में बताया कि प्रदर्शनकारियों ने अधिकारीयों पर पदार्थ को फेंका था जिससे त्वचा सूज गयी थी और खुजली होने लगी थी।
पुलिस पर अज्ञात पदार्थ फेंका
इस संघर्ष में 13 पुलिस अधिकारी घायल हुए थे। अस्पताल और पुलिस ने इस संघर्ष में घायल हुए लोगो की जानकारी साझा नहीं की है। 1 जुलाई को ब्रितानी हुकूमत ने हांगकांग को चीन के सुपुर्द किया था और इस दिन देश में प्रदर्शन होता है। हांगकांग के स्वायत्त दर्जे और लोकतान्त्रिक व्यवस्था की चाहत रखने वाले प्रदर्शनकारी प्रदर्शन करते हैं।
हाली हफ़्तों में अर्धस्वायत्त क्षेत्र में तनाव काफी बढ़ गया है। नागरिकों ने सरकार के खिलाफ अपनी आवाज को बुलंद के करने के लिए आखिरी अवसर के तौर पर देखा था। दोपहर में मार्च की योजना के एक घंटे बाद पुलिस ने चेतावनी जारी की थी।
पुलिस ने लोगो को सुरक्षा खतरे से इसमें शामिल न होने की अपील की थी लेकिन हज़ारो लोगो ने इसमें भाग लिया था और सड़के जाम हो गयी थी।
बीते तीन हफ्तों से हांगकांग में व्यापक स्तर पर विवादित प्रत्यर्पण विधेयक को लेकर प्रदर्शन हो रहा है। इस बिल के तहत राजनीतिक कार्यकर्ताओं और सरकार से असंतुष्टों को मुख्यभूमि चीन भेजे जाने का भय है।
इस विधेयक को 3 अप्रैल को प्रस्तावित किया गया था। इस बिल का विरोध इसलिए किया जा रहा है क्योंकि हांगकांग की सरजमीं से किसी भी व्यक्ति को राजनीतिक कारणों या कारोबार के अपमान के लिए चीनी विभाग के सुपुर्द किया जा सकता है।