पाकिस्तान ने अमेरिका की हालिया धार्मिक आज़ादी के उल्लंघन की रिपोर्ट को खारिज किया है और इसे बेबुनियादी और पक्षपातपूर्ण करार दिया है। अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता की 2018 की वार्षिक रिपोर्ट में पोम्पिओ ने जोर देते हुए कहा कि पाकिस्तान को ईशनिंदा के कानून के दुरूपयोग को कम करने के लिए अधिक कार्यवाही करनी चाहिए।”
अलबत्ता, पाकिस्तान ने इस रिपोर्ट को मानने से इंकार कर दिया है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि “पाकिस्तान पर रिपोर्ट के भाग में त्रुटियाँ है और पक्षपाती बयानों का संग्रह है। नियमों के मुताबिक, पाकिस्तान संप्रभु देशों के आंतरिक मामलों पर टिप्पणियों का समर्थन करने वाली ऐसी राष्ट्रीय रिपोर्टों को नहीं मानता है। पाकिस्तान इन बातों को गैर जरुरी करार देता है।”
बयान में उन्होंने कहा कि “पाकिस्तान का मानना है कि सभी देश धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए बाध्य हैं और राष्ट्रीय कानूनों और अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के अनुसार अपने नागरिकों की सुरक्षा करना उनका कर्तव्य है।” पाकिस्तान में हाल ही में धर्मांतरण और ईशनिंदा के बढ़ते मामलो के कारण अमेरिका की रिपो र्ट में दावा किया गया है।
आसिया बीबी की मौत की सज़ा और उसके बाद रिहाई ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित किया था। मुस्लिम बहुल पाकिस्तान में ईशनिंदा एक उत्तेजक मामला है। इस्लाम को अपमानित करने के आरोपियों को बख्शा नहीं जाता है।
रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में शीर्ष अदालत ने एक ईसाई महिला आसिया बीबी को रिहा कर दिया था। एक दशक तक जेल में रहने के बाद उन्हें मौत की सज़ा से बरी कर दिया गया था। बहरहाल, 40 और लोग अभी भी जेल की सज़ा काट रहे हैं और उन पर भी ईशनिंदा का मामला चल रहा है।
उन्होंने कहा कि “हम उनकी रिहाई की मांग करना जारी रखेंगे और सरकार को एक राजदूत नियुक्त करने के लिए मनाएंगे जो विभिन्न धार्मिक आज़ादी की चिंताओं को बताये।”