Sun. Sep 29th, 2024
    missile defence system

    रूस के हथियारों की कीमत को भारत रुसी नामांकन बैंक को यूरो में चुका सकता है ताकि अमेरिका के प्रतिबंधों से बचा जा सके और सैन्य रक्षा प्रणाली एस-400 को खरीदा जा सके। मौजूदा रक्षा ट्रांसक्शन को रूपए में भी किया जा सकता है और यह समाधान रूस के वीटीबी बैंक ने इस माह बताया था कि वह यूरो में रकम लेने के लिए राज़ी है।

    इस वित्तीय वर्ष में रूस को चार एरान डॉलर की रकम अदा करनी है और सबसे बड़े कॉन्ट्रैक्ट एस-400 प्रणाली के लिए हैं। इसके आलावा चक्र-III पनडुब्बी के किराये और भारतीय नौसेना के लिए युद्धपोत की प्राप्ति के लिए देने है। इसके आलावा दो अतिरिक्त रुसी कॉन्ट्रैक्ट एके-203 राइफल की सप्लाई सेना को होने की सम्भावना है और इसका निर्माण अमेठी में किया जायेगा।

    सूत्रों न बताया कि वीटीबी बैंक मनी ट्रांसफर के लिए यूरोपीय खाते का इस्तेमाल करने के लिए तैयार है। भारतीय बैंक ने अमेरिकी मुद्रा के न्यूनतम एक्सपोज़र से ट्रांज़ैक्शन का चयन किया है। वीटीबी बैंक ने बीते कुछ वर्षों में भारत को बड़ी डील दिया है, इसमें एस्सार समूह में 12 अरब डॉलर का निवेश भी शामिल हैं जिसने उसे दिवालियापन से निजात दिलाई थी।

    भारतीय सरकार स्पष्ट है कि वह रूस से हथियारों की खरीद से अब यू टर्न नहीं लेगी और इससे भारत पर अमेरिका के प्रतिबन्ध कानून के तहत कड़े प्रतिबंध भी थोपे जा सकते हैं। रूस की ताकतवर हथियार कंपनी रोसोबोरोनेक्सपोर्ट पर अमेरिका के विदेश संपत्ति नियंत्रण विभाग ने प्रतिबन्ध थोप दिए थे और अप्रैल 2018 में भारतीय स्टेट बैंक ने इस कंपनी को दो अरब डॉलर की रकम ट्रांसफर करने से रोक दिया था।

    भारत रूस के हथियारों के लिए रकम को अदा करने के अन्य विकल्पों की तलाश कर रहा है। बीते वर्ष अदाएगी का वैकल्पिक मार्ग तलाश किया गया था लेकिन इतनी बड़ी रकम को ट्रांसफर करने वाला स्थायी मार्ग अब भी जटिल है। अमेरिका के निरंतर प्रतिबंधों के खतरे के बावजूद भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह एस-400 के समझौते से पीछे नहीं हटेगा।

    भारत अमेरिका के साथ भी कई रक्षा समझौतों के लिए चर्चा कर रहा है। इसमें रक्षा मिसाइल, आर्म ड्रोन और नौसैन्य एयरक्राफ्ट भी शामिल है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *