राम मंदिर का मामला भारतीय चुनावों में सुनाई देने वाला सदाबहार मामला है। चुनाव आते ही अचनाक राम मंदिर विवाद फिर से गरमा जाता है। दोनों तरफ से बयानबाजी तेज हो जाती है और फिर अचानक चुनाव के खत्म होते ही यह मामला भी शांत हो जाता है। गुजरात विधानसभा चुनाव भी राम मंदिर विवाद से अछूता नहीं है, यहां भी सबको राम का ही सहारा है।
दोनों तरफ से राम मंदिर को लेकर बयानबाजी तेज हो गयी है। मामले में कपिल सिब्बल सबके निशाने पर आ गए है। कपिल ने जबसे कोर्ट से यह प्राथना की है कि राम मंदिर का मामला 2019 तक के लिए टाल दिया जाए तब से कांग्रेस पर राजनीतिक हमले तेज हो गए है। राम मंदिर पर बीजेपी कपिल सिब्बल को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती है।
पार्टी के छोटे बड़े राजनेता से लेकर खुद पीएम मोदी तक कपिल पर इल्जामों की वर्षा कर रहे है। जहां बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कपिल सिब्बल को अदालत को गाइड ना करने को कहा है तो वहीं मोदी ने कपिल पर धार्मिक राजनीति करने के आरोप लगाए है। गुजरात में एक रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि कपिल धर्म को राजनीति से जोड़ रहे है और चुनाव जीतने के लिए धार्मिक कार्ड खेल रहे है।
राम मंदिर का मामला उजागर करते हुए मोदी ने कपिल पर इल्जाम लगाया कि “कल कपिल सिब्बल बाबरी मस्जिद के पक्षकारों की तरफ से बोल रहे थे, यह उनका काम है, इससे शिकायत नहीं है? लेकिन क्या उन्हें 2019 तक सुनवाई टालने की मांग करनी चाहिए? क्या कांग्रेस की ओर से राम मंदिर मुद्दे को चुनाव तक टालने की कोशिश की जा रही है?”
मोदी ने गुजरात में लोगों को यह भी बताया कि चुनाव के डर से उन्होंने कभी धर्म और जाति की राजनीति नहीं की। यूपी चुनाव का उदारहण देते हुए मोदी ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि “जब यूपी में चुनाव चल रहे थे तो देश में तीन तलाक का मुद्दा गर्म था। कई लोगों ने मुझे समझाया कि इस मुद्दे को चुनाव तक के लिए टाल देना बेहतर होगा लेकिन में नहीं माना”
मोदी ने कहा कि “चुनाव बाद में आते है, पहले देश और मानवता आती है। तीन तलाक का मुद्दा महिलाओं के अधिकारों का मुद्दा था इसलिए चुनाव के डर से इस मुद्दे को नहीं टाला जा सकता था”, सरदार पटेल और बाबा साहेब का मुद्दा उठाते हुए मोदी ने कांग्रेस पर पक्षपात करने का आरोप लगाया।
मोदी ने कहा कि “आज राहुल पटेलों की बात कर रहे है लेकिन इनकी पार्टी ने कभी भी बाबा साहेब और सरदार पटेल का सम्मान नहीं किया। पार्टी में तो सबसे प्रधान नेहरू थे जो वो कहते थे वही होता था”, विपक्ष पर सवाल उठाते हुए मोदी ने कांग्रेस से पूछा कि “आज तक विपक्ष ने सरदार को भारत रत्न क्यों नहीं दिया?”