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    america and iran

    भारत ने बुधवार को अमेरिका (US) और ईरान (Iran) के बीच तनावों को कम करने की मांग की है जबकि दोनों के बीच द्विपक्षीय सम्बन्धो में काफी तनाव है। उन्होंने कहा कि “भारत हालातो के बारे में चिंतित है क्योंकि उस क्षेत्र में भारी समुदाय मौजूद है। भारत हालातों में नरमी चाहता है और ईरान व अमेरिका से तनावों को कम करने का आग्रह करता है।”

    20 जून को ईरान के रेवोलूशनरी गार्ड कॉर्प्स ने अमेरिकी जासूसी ड्रोन आरक्यू-4 ग्लोबल हक़ को मार गिराया था। ईरान के मुताबिक, अमेरिकी ड्रोन ने ईरान के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया था। अमेरिका ने इसे भड़काऊ हमला करार दिया था और बताया कि निशाने के दौरान ड्रोन अंतरराष्ट्रीय हवाईक्षेत्र में मौजूद था।

    इस वारदात के बाद भारत और विदेशों की कई एयरलाइन्स ने ईरान के हवाई क्षेत्र में उड़ान से परहेज किया है। मध्य पूर्व में भूराजनीतिक तनावों को बढ़ता देखकर उड़ानों को दूसरे मार्ग की तरफ मोड़ दिया था। सोमवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि “वह ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खमेनेई और मंत्रालय के अधिकारीयों पर आर्थिक प्रतिबन्ध थोप रहे हैं।

    प्रतिबंधों ने अमेरिका और ईरान के बीच तनावों को मजीद बढ़ा दिया है। तेहरान के परमाणु ईंधन की तरफ बढ़ने से अमेरिका की चिंताए काफी बढ़ गयी है। दोनों देशों के बीच सम्बन्ध काफी खटास आ गयी थी। अमेरिका ने साल 2015 में ईरान और वैश्विक नेताओं के साथ हुई संधि को तोड़ दिया था।

    अमेरिका ने कहा कि “वह ईरान के खिलाफ अधिकतम दबाव बनाएगा, जब तक ईरानी सरकार अपने परमाणु कार्यक्रम के विस्तार के अस्थिर मंसूबो को त्याग नहीं देता है। हाल ही में अमेरिका ने ईरान से तेल खरीदने के लिए आठ देशों की रियायत को खत्म कर दिया था, इसमें भारत भी शामिल है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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