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    डेबिट कार्ड

    डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को डेबिट कार्ड ट्राजेंक्शन चार्जेज को तर्कसंगत बनाने की घोषणा की है। आरबीआई ने यह जानकारी अपनी पांचवी मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के दौरान लिए गए फैसले के बाद दी है।
    आरबीआई के अनुसार, हाल के कुछ महीनों में डेबिट कार्ड के जरिए लेनदेन में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई है।

    ऐसे में डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा देने के लिए रिजर्व बैंक ने ​डेबिट कार्ड ट्राजेंक्शन चार्जेज को तर्कसंगत बनाने का निर्णय लिया है। मतलब साफ है, अब ​डेबिट कार्ड के जरिए भुगतान करने पर ज्यादा शुल्क नहीं देने होंगे।

    रिजर्व बैंक ने कहा कि डेबिट कार्ड लेनदेन पर एमडीआर के लिए संशोधित निर्देश जारी किए जाएंगे। रिजर्व बैंक ने अपनी समीक्षा नीति के दौरान रेपो रेट को 6 फीसदी पर अपरिवर्तित रखा है।

    रेपो रेट में बदलाव नहीं होने के चलते कर्ज सस्ता होने की संभावना अगली समीक्षा तक टल चुकी है। रिजर्व बैंक के अनुसार वित्तीय वर्ष 2017-18 की दूसरी छमाही तक खुदरा मुद्रास्फीति 4.2 से 4.6 फीसदी तक रहने की संभावना जताई है। जिसका असर तेल की कीमतों में बढ़ोेतरी के रूप में देखने को मिल सकती है।

    डिजिटल लेनदेन परिदृश्य

    आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक देशभर में डिजिटल पेमेंट मूल्य में 80 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वित्तीय वर्ष 2017-2018 में डिजिटल लेनदेन 1800 करोड़ रूपये तक पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। साल 2016-2017 के मूल्य के बराबर इस साल केवल अक्टूबर महीने में ही डिजिटल भुगतान का मूल्य 1000 करोड़ रूपये था।

    सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अनुसार, जून-अगस्त महीने में औसतन 136-138 करोड़ रूपए का डिजिटल पेमेंट्स हुआ था। हांलाकि नोटबंदी के दौरान कुछ महीनों डिजिटल महीनों में डिजिटल पेमेंट में कमी आई लेकिन जल्द ही मार्च-अप्रैल महीने में 156 करोड़ रूपए का डिजिटल पेमेंट दर्ज किया गया।

    डिजिटल पेमेंट में बढ़ोतरी को देखते हुए पीएम मोदी ने यूपीआई, बीएचआईएम, आईएमपीएस, एम-वॉलेट और डेबिट कार्ड आदि के जरिए डिजिटल लेनदेन किए जाने की घोषणा की।  सरकारी कार्यों में भी डिजिटल प्लेटफार्मों के इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिली है। जीएसटी रिटर्न की आॅनलाइन फाइलिंग में 100 फीसदी का इजाफा हुआ है। 2015-2016 की तुलना में 2016-2017 में आयकर रिटर्न ई-फाइलिंग में 23 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।