अमेरिका (america) के राज्य सचिव ने रविवार को कहा कि “उन्हें उम्मीद है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (donald trump) द्वारा उत्तर कोरिया (north korea) के नेता किम जोंग उन (kim jong un) को भेजा गया पत्र बातचीत को नयी दिशा देने में मददगार साबित होगा जिसका मकसद उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को खत्म करना है।
पोम्पिओ ने मध्य पूर्व की यात्रा पर जाने से पूर्व ट्रम्प के किम को दिए पत्र की पुष्टि की थी और उन्होंने कहा कि “अमेरिका तत्काल उत्तर कोरिया के साथ वार्ता को बहाल करने के लिए तैयार है। मैं आशावादी हूँ कि यह हमें शुरुआत के लिए एक अच्छी नींव मुहैया करेगा ताकि उत्तर कोरिया के साथ अहत्वपूर्ण मामलो पर चर्चा की जा सके।”
उत्तर कोरिया की न्यूज़ एजेंसी केसीएनए ने शुरुआत में कहा था कि “किम ने इस पत्र को उम्दा शैली का करार दिया था लेकिन ट्रम्प के सन्देश की जानकारी का खुलासा नहीं किया था।” फरवरी में हनोई में दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद बातचीत की प्रक्रिया ठप पड़ी हुई है।
अमेरिकी अधिकारी ने बुधवार को कहा था कि अमेरिका ने नयी बातचीत के लिए कोई शर्त नहीं रखी है, लेकिन परमाणु हथियार कार्यक्रम को रोकने के उत्तर कोरिया के क़दमों की प्रगति सार्थक और निरीक्षित होने की जरुरत है। पोम्पिओ ने ट्रम्प के खत के लेख का खुलासा नहीं किया है।
उन्होंने कहा कि “मेरे ख्याल से हम बेहतर स्थिति में हैं। मेरे ख्याल से आज सुबह उत्तर कोरिया के बयान को सुनकर बातचीत के जल्द शुरुआत होने की बहुत अच्छी संभावनाएं है। हम आगे बढने के लिए तैयार है, अगर उत्तर कोरिया इंगित करता है कि वे चर्चा के लिए तैयार है तो हम सचमुच उस पल के लिए तैयार है।”
इस सप्ताह आयोजित जी-20 की मुलाकात से पूर्व माइक पोम्पिओ एशिया की यात्रा के लिए निकल चुके हैं वह जापान के ओसका में सम्मेलन और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन से सीओल में मुलाकात करेंगे। जी-20 में माइक पोम्पिओ राष्ट्रपति ट्रम्प के साथ होंगे।
माइक पोम्पिओ सऊदी अरब की और फिर यूएई की यात्रा करेंगे और दोनों राष्ट्रों से ईरान के साथ अमेरिका के बढ़ते तनाव के बाबत चर्चा करेंगे।