चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (xi jinping) ने शुक्रवार को उत्तर कोरिया (north korea) में अपनी बैठक का अंत कर दिया है और उत्तर कोरिया ने अपने ऐतिहासिक मित्र के साथ संबंधों पर जोर दिया था। दोनों ही देशों की अमेरिका के साथ मतभेद जारी है और शी जिनपिंग जल्द ही अमेरिकी राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे।
किम जोंग उन ने चीनी राष्ट्रपति से कहा कि उनकी यात्रा विश्व के समक्ष उत्तर कोरिया-चीन की दोस्ती की अपरिवर्तनीयता और अपराजेयता को प्रदर्शित करने का एक अवसर है। केसीएनए ने कहा कि ” यह यात्रा तब है जब अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय हालातों में गंभीर और जटिल परिवर्तन हो रहे हैं।
दोनों नेताओं ने करीबी रणनीतिक वार्ता का प्रचार करने और संयुक्त हितो को विकसित करने पर सहमति दी है। चीन के राष्ट्रपति ने 14 वर्षों में पहली बार उत्तर कोरिया की यात्रा की थी। इस समय में प्योंगयांग ने पांच परमाणु परीक्षण किये थे और मिसाइल को लांच किया था जो अमेरिका की मुख्य भूमि तक पंहुचने में सक्षम थी।
चीन ने हमेशा पड़ोस में स्थिरता को प्राथमिकता दी है लेकिन उत्तर कोरिया के भड़काऊ परमाणु कार्यक्रम में दोनों देशों के बीच संबंधों को खराब किया है। यूएन के प्रतिबंधों में चीन प्योंगयांग का समर्थन करता है। किम जोंग उन ने बीते वर्ष चीनी राष्ट्रपति से चार दफा मुलाकात की है।
चीन तीन दफा और शी से मुलाकात के लिए चीन गए थे और कम्युनिस्ट राष्ट्र चीनी राष्ट्रपति की खिदमत के लिए आतुर था। विश्व की दो आर्थिक महाशक्तियां व्यापार युद्ध में फंस गयी है और इसी तरह उत्तर कोरिया भी डोनाल्ड ट्रम्प के साथ परमाणु वार्ता के दौर में व्यस्त है।
चीनी ब्रॉडकास्टर मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, नेता अमेरिका के साथ बातचीत के लिए सब्र दिखाएँगे और वह सभी पक्षों से मध्य में आकर बातचीत करना चाहते हैं। सीओल में उत्तर कोरिया के मामले के डायरेक्टर जेउंग यंग तै ने कहा इस सम्मेलन से चीन को उत्तर कोरिया का मज़बूत समर्थन मिला है।
शी ने कहा कि वह अमेरिकी दबाव को कम करने में किम की मदद करेंगे और किम से अपनी मांगो पर अड़े रहने को कहा है। प्योंगयांग ने वांशिगटन से बातचीत के नए तरीके को खोजने की बात कही है। हज़ारो उत्तर कोरिया के नागरिक सड़कों पाए कतार से चीनी राष्ट्रपति के स्वागत में खड़े थे।
कोरियाई जंग में बचने के लिए बीजिंग ने लाखों सैनिको को उत्तर कोरिया की मदद के लिए भेजा था। किम जोंग उन और उनकी पत्नी ने चीनी राष्ट्रपति और उनकी पत्नी का सुवागत किया था। माओ जेडोंग ने दोनों देशों के संबंधों को होंठ और दांतो के समान बताया था।