सीरिया (syria) में युद्ध निगरानी समूह ने गुरुवार को बताया कि सीरिया के सैनिकों और विद्रोहियों के बीच बीते 48 घंटो से भारी संघर्ष से 100 से अधिक लड़ाकों की मौत हो चुकी है। ब्रिटेन की सीरियन ऑब्जर्वेटरी फ़ॉर ह्यूमन राइट्स ने बताया कि हमा प्रान्त के उत्तर में स्थित ताल मेलह गांव पर झड़प और बमबारी हुई थी।
ऑब्ज़र्वेटरी के मुताबिक, सीरिया में संघर्ष में 89 विपक्षी लड़ाके मारे गए और 41 सरकारी सैनिको की मौत हुई है। यूएन के महासचिव ने बुधवार को रूस और तुर्की से सीरिया को स्थिर रखने की अपील की थी। सना के मुताबिक, ताल मेले और नजदीकी इलाकों ने अलकायदा के पूर्व सहयोगी तहरीर अलशाम के खिलाफ सेना का अभियान शुरू हुआ था।
सेना के हमले के कारण अल जलमाह और उसके आसपास के गांवों में आतंकवादियों और उनके वाहनों के टुकड़े बिखराव पड़े हैं। हाल ही में रूस और सीरिया की सेना ने चरमपंथियों के आखिरी गढ़ इदलिब में बमबारी काफी तीव्र कर दी है।
पश्चिमोत्तरी सीरिया करीब 30 लाख आबादी का घर है। यहां संघर्ष से हज़ारों बेकसूर लोगो की मौत हुई है। इस हफ्ते के शुरुआत में संयुक्त राष्ट्र के सहायता प्रमुख मार्क लोवोक ने यूएन को बताया कि सीरिया के सैनिको ने 30 अप्रैल को इदलिब में अभियान शुरू किया था। इसके कारण 330000 लोग अपने घरों से भागने को मजबूर हुए हैं और 230 से अधिक नागरिको की मौत हुई है।
लोकोक ने यह भी बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने प्रान्त में स्वास्थ्य सुविधाओं को प्रभावित करने वाली 36 घटनाओं को उजागर किया है। साल 2011 में सरकार विरोधी प्रदर्शन को कुचलने जे साथ ही देश से लाखों की तादाद में सीरिया के लोग विस्थापित हुए हैं। रूस, अमेरिका, ईरान, तुर्की और कई खाड़ी समूहों के लिए सीरिया राजनीतिक संघर्ष का मैदान बन गया है।
सीरिया की साल 2011 से शुरू हुई जंग में 370000 लोगो की मौत हो चुकी है और लाखों लोग विस्थापित हुए हैं।अलेप्पो, हमा और इदलिब के भागो को सरकार की आक्रमक कार्रवाई से बचाने के लिए बीते वर्ष रूस और तुर्की ने एक संघर्षविराम समझौते पर हस्ताक्षर किये थे। लेकिन यह कभी लागू नहीं हुआ क्योंकि जिहादियों ने असैन्य क्षेत्र से वापसी की योजना को ख़ारिज कर दिया था।