लखनऊ, 19 जून (आईएएनएस)| वायु गुणवत्ता सुधारने और आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार राज्य में राष्ट्रीय और राजकीय राजमार्गो के दोनों तरफ औषधीय आयुर्वेदिक पौधों को लगाने पर विचार कर रही है। लोक निर्माण विभाग संभालने वाले उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के अनुसार, उत्तर प्रदेश यह योजना लागू करने वाला पहला प्रदेश बनने की ओर अग्रसर है जो आयुष्मान भारत योजना का विस्तारित रूप है।
यह परियोजना 18 जिलों में लांच की जाएगी। योजना का लक्ष्य घरों, कार्यालयों और पार्को में कैक्टी और बोनसाई जैसे विदेशी पौधों की वृद्धि को रोकना और औषधि विज्ञान के आयुर्वेद में उल्लिखित पौधों को बढ़ावा देना है।
परियोजना को शुरुआती तौर पर सहारनपुर में दिल्ली-यमुनोत्री राजमार्ग संख्या 57 पर, वाराणसी में आशापुर-सारनाथ मार्ग पर, अयोध्या में पंचकोसी परिक्रमा मार्ग पर, गोरखपुर-देवरिया मार्ग पर, केशवधाम होते हुए अलीगढ़-मथुरा राजमार्ग पर और चित्रकूट में बांदा-बहराइच राजमार्ग पर पहले ही लागू कर दिया गया है।
लोक निर्माण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राजमार्ग के दोनों तरफ उगाने के लिए जिन 34 औषधियों को चुना गया है उनमें भोजन बनाने के लिए उपयोग में लाई जाने वाली और बैक्टीरिया रोधी गुणों के लिए मशहूर हल्दी शामिल है। साथ ही ब्राह्मी, अश्वगंधा, अनंतमूल, जनोफा, माशपर्णी, सप्तपर्णी, तुलसी और जल मीम जैसे तत्वों के पौधे लगाए जाने हैं।
आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार, ब्राह्मी से स्मरणशक्ति तेज होती है और अश्वगंधा का उपयोग स्वस्थ रहने तथा अवसाद और उच्च रक्ताचाप से लड़ने में किया जाता है।