दक्षिण एशिया की पहली सीमा पार पेट्रोलियम पाइपलाइन का कार्य पूरा हो चुका है। इस पाइपलाइन को भारत के मोतिहारी से नेपाल के अमलेखगंज को जोड़ा गया है। इस पाइपलाइन ने 70.2 किलोमीटर की दूरी को कवर किया है। पेट्रोलियम पाइपलाइन एक्सटेंशन प्रोजेक्ट सिमरा के इंजीनियर शरद पौडेल के हवाले से राज्य की न्यूज़ एजेंसी राष्ट्रीय समाचार समिति ने बताया कि पाइपलाइन की तकनीकी समीक्षा अभी की जा रही है।
हाइड्रो टेस्ट जो रेडियोग्राफ़ी से जोड़ा गया है उससे सम्बंधित कार्य का जुड़ने के बिंदु का एक्सरे लिया गया है और पाइपलाइन का कार्य खत्म होने के बाद पाइप के जंग को स्कैन-प्लास्ट के जरिये हटाया गया है। मोतिहारी से पेट्रोलियम पाइपलाइन 32.65 किलोमीटर की दूरी को कवर किया है और यह कार्य एक माह में पूरा हो गया था।
नेपाल के आलेखगंज से इस पाइपलाइन ने 37.25 किलोमीटर की दूरी को कवर किया है। 25 सदस्यों की तकनीकी टीम में नेपाल आयल कारपोरेशन के इंजीनियर भी शामिल है। इस टीम की रिपोर्ट के मुताबिक हाइड्रोटेस्ट और अन्य तकनीकी पहलुओं के प्रशिक्षण के लिए लखनऊ की तरफ आया गया था।
भारतीय ऑइल कारपोरेशन तकनीशियन को प्रशिक्षण देने के लिए तैयार है ताकि वे दक्षिण एशिया के सीमा पार पहली पेट्रोलियम पाइपलाइन का रखरखाव करने में सक्षम हो।
इस समझौते पर भारत और नेपाल ने 24 अगस्त 2015 को हस्ताक्षर किये थे। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और भारतीय समकक्षी नरेंद्र मोदी ने इस पाइपलाइन की नयी दिल्ली के हैदराबाद हाउस में नींव रखी थी। इस पाइपलाइन की कुल कीमत 2.75 अरब रूपए हैं।
यह प्रोजेक्ट दोनों मुल्क नेपाल और भारत के लिए शीर्ष प्राथमिकता में शामिल थे। इस पाइपलाइन को नेपाल के ईंधन की पाइपलाइन के तौर पर देखा जा रहा है। इस पाइपलाइन का कार्य जुलाई के मध्य में शुरू होने की सम्भावना है।