नई दिल्ली, 17 जून (आईएएनएस)| भारत ने बीते साल जकार्ता में खेले गए एशियाई खेलों में टेबल टेनिस में पुरुषों की टीम स्पर्धा का कांस्य जीता था। इस टीम का हिस्सा रहे शरथ कमल (sharath kamal) ने कहा है कि भारत में खेल को लेकर चीजें बदल रही हैं और इनकी शुरुआत रियो ओलम्पिक से हुई जब देश के चार खिलाड़ियों ने खेलों के महाकुंभ के लिए क्वालीफाई किया।
शरथ ने एशियाई खेलों में मनिका बत्रा के साथ मिश्रित युगल वर्ग में भी एक और कांसा जीता था।
शरथ ने आईएएनएस से कहा, “जब 2016 में चार खिलाड़ियों ने रियो ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई किया था तब से चीजें बदली हैं।”
36 साल के शरथ ने कहा, “ऐसा भी समय था तब मेरे और मौमा दास जैसे सीनियर खिलाड़ी अच्छा कर रहे थे और मनिका, साथियान, हरमीत, सौम्यजीत घोष जैसे युवा आ रहे थे।”
शरथ ने कहा कि एशियाई खेलों में जो प्रतिस्पर्धा मिलती है वो ओलम्पिक की तुलना में कम नहीं होती इसलिए जकार्ता में उन्हें जो सफलता मिली है उससे उन्हें आत्मविश्वास मिला है कि भारत टोक्यो ओलम्पिक-2020 में भी पदक जीत सकते हैं। उनका हालांकि यह भी मानना है कि खेल के शीर्ष देशों में और भारत में काफी अंदर है जिसे भारत में इंफ्रस्ट्रक्टर में सुधार कर बेहतर माहौल तैयार कर खेल में सुधार करके भरा जा सकता है।
शरथ ने कहा, “भारत अच्छी तरह से आगे बढ़ रहा है लेकिन एक चीज में हमें सुधार करने की जरूरत है वो है इंफ्रस्ट्रक्चर। मुझे लगता है कि यहां शीर्ष देश हमसे आगे हैं और अच्छे संसाधनों से हम अंतर को कम कर सकते हैं।”
एक समय हुआ करता था जब बड़े टूर्नामेंट्स में शरथ के ऊपर भारत की जिम्मेदारी हुआ करती थी। लेकिन अब मनिका, साथियान जैसे युवा खिलाड़ियों के आने से सुधार हुआ है।
शरथ इस बात से भी काफी खुश हैं कि वह खेल में हो रहे बदलाव के साथ अपने खेल को ढाल पा रहे हैं।
उन्होंने कहा, “मैं इस बात से काफी खुश हूं कि मैं नए युग के साथ चल रहा हूं जिससे मैं देश में खेल में शीर्ष पर हूं और विश्व में भी। एक खास बात यह है कि बीते कुछ वर्षो में खेल काफी आगे बढ़ा है और यही खिलाड़ी चाहता है। मैं टेबल टेनिस में हुए सुधारों को देखकर काफी खुश हूं।”