नई दिल्ली/बेंगलुरू, 15 जून (आईएएनएस)| कर्नाटक (Karnataka) ने शनिवार को वस्तु एवं सेवा कर (GST) के संग्रह में कमी से होने वाले राजस्व के अंतर को पूरा करने के लिए मुआवजा अधिनियम को 2022 से भी आगे बढ़ाने की मांग की।
मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने नई दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की शासी परिषद की पांचवीं बैठक में कहा, “अगर हमारे राज्य को हो रही हानि की भरपाई नहीं होती है तो मुआवजा अधिनियम को 2022 से भी आगे बढ़ाना चाहिए, जैसा कि इस अधिनियम में परिकल्पित है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी शासन लागू होने के बाद राज्य को संसाधन जुटाने में परेशानी आ रही है। राजस्व की कमी से विकास और अवसंरचना परियोजनाएं समूचे राज्य में प्रभावित हो रही हैं। यहां तक राज्य सरकार के योजनागत व्यय को पूरा करने में भी परेशानी आ रही है।
इस बैठक की अध्यक्षता नीति आयोग के अध्यक्ष के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की, जिसमें विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए।
कुमारस्वामी ने कहा, “जीएसटी के तहत राज्य के राजस्व में अंतर को पाटने के हमारे बेहतरीन प्रयासों के बावजूद हमारी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा है और इसे लागू करने में आने वाली चुनौतियों को दूर करें।”