नई दिल्ली, 14 जून (आईएएनएस)| इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बहुप्रतीक्षित व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक (data protection bill) को अंतिम रूप दे दिया है। केंद्रीय आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravishankar Prasad) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। विधेयक के संसद में जाने से पहले अगला आवश्यक कदम मंत्रिमंडल की मंजूरी है।
प्रसाद ने सीआईआई की राष्ट्रीय परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए कहा, “हमने डेटा सुरक्षा कानून को अंतिम रूप दे दिया है। मैं इसे मंत्रिमंडल में ले जाऊंगा। हमने 3-4 दौर की मंत्रणा की है।”
मंत्री ने डेटा सुरक्षा और इसके डेटा देश में रखने पर जोर देते हुए कहा, “भारत अपनी डेटा संप्रभुता को बनाए रखेगा। इस पर किसी लचीलेपन की गुंजाइश नहीं है। भारत एक विशाल देश है जो बहुत अधिक डेटा का उत्पादन करता है।”
प्रसाद ने स्वीकार किया कि “डिजिटल दुनिया में डेटा को एक जगह से दूसरी जगह ले जाना महत्वपूर्ण है”, लेकिन ध्यान दिलाया कि यह पारस्परिकता और समझ पर आधारित होगा।
जस्टिस बी.एन.कृष्ण समिति ने पिछले साल जुलाई में सरकार निजी डेटा सुरक्षा विधेयक का मसौदा सौंपा था, जिसमें यह निर्धारित किया गया है कि भारत और विदेश में निगमित सरकारी और निजी संस्थाओं द्वारा व्यक्तियों के व्यक्तिगत डेटा को कैसे संसाधित किया जाए।
प्रसाद ने कहा कि डेटा सुरक्षा के साथ-साथ डेटा उपलब्धता, उपयोगिता, नवाचार और स्थानीयकरण पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।
उन्होंने डेटा को गुमनाम रखने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। प्रसाद दूरसंचार और कानून विभागों को भी संभाल रहे हैं। उन्होंने कहा, “किसी विशिष्ट वित्तीय क्षेत्र में उचित अनुसंधान करने के लिए, हमारे पास वस्तुनिष्ठ डेटा होना चाहिए, लेकिन उस डेटा के मालिकों को सार्वजनिक निशानदेही से दूर रखा जाना चाहिए।”