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    चेन्नई, 14 जून (आईएएनएस)| दक्षिण रेलवे ने सिर्फ हिंदी या अग्रेजी में संवाद करने, संदेश देने की हिदायत वाला सर्कुलर शुक्रवार को वापस ले लिया। सर्कुलर में स्टेशन मास्टर और ट्रेन परिचालन का नियंत्रण करने वाले अधिकारियों को सिर्फ हिंदी या अंग्रेजी में संवाद (कम्युनिकेट) करने का निर्देश दिया गया था।

    संवाद में किसी प्रकार की बाधा से बचने के मकसद से पिछले महीने दक्षिण रेलवे ने स्टेशन मास्टरों और ट्रेन परिचालन नियंत्रकों को क्षेत्रीय भाषाओं में नहीं बल्कि सिर्फ हिंदी या अंग्रेजी में कार्य व्यवहार करने का निर्देश देते हुए एक सर्कुलर जारी किया गया था।

    दक्षिण रेलवे मजदूर यूनियन (एसआरएमयू) ने इसका विरोध किया। उसका कहना है कि तमिलनाडु में पिछले दरवाजे से हिंदी थोपी जा रही है।

    एसआरएमयू ने सवाल किया कि क्या तमिलनाडु में यात्रा करने वाले लोगों को भी स्टेशन मास्टर से बात करने के लिए हिंदी या अंग्रेजी सीखने को कहा जाएगा।

    रेलवे ने संशोधित सर्कुलर में अपने कर्मचारियों को इस ढंग से बातचीत करने को कहा है जिससे संदेश में किसी प्रकार की गलतफहमी न हो।

    मूल सर्कुलर पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए द्रमुक अध्यक्ष एम. के. स्टालिन ने कहा कि यह रेलवे का अहंकार है कि वह तमिलनाडु में तमिल में बात नहीं करने को कह रही है।

    उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में तमिल में बात नहीं करने बल्कि सिर्फ हिंदी में बात करने के लिए कहा जाना महज हिंदी थोपना ही नहीं बल्कि भाषा की प्रधानता बताना भी है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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