सीरिया (Syria) के रक्षा विभाग ने इजराइल (Israel) की तरफ से दागी गयी मिसाइल को गिरा दिया था। मॉनिटर के मुताबिक, यह मिसाइल लेबनान के सहयोगी हिज़बुल्लाह को निशाना बनाकर दागी गयी थी। आधिकारिक न्यूज़ एजेंसी सना के मुताबिक,यह हमला गोलन हाइट्स के नजदीक टाल अल हरा क्षेत्र में सुबह हुआ था। अलबत्ता कोई हताहत की खबर नहीं आयी है।
यह नहीं स्पष्ट है कि निशाना किसे बनाया गया था। सना ने इजराइल पर इलेक्ट्रॉनिक जंग शुरू करने का भी आरोप लगाया है और सीरिया के रडार को जाम करने का भी दोषी ठहराया था। मानव अधिकार के लिए सीरिया के निगरानीकर्ता समूह ने कहा कि “इस हमले में हिजबुल्लाह के दोनों ठिकानों को ध्यान में रखते हुए किया गया था लेकिंन इसमें कोई हताहत नहीं हुई थी।
ऑब्जर्वेटरी के प्रमुख रामी अब्देल रहमान ने कहा कि “वहां सभी लेबनानी हेजीबुल्लाह के ठिकानों को निशाना बनाया गया था। मिसाइल ने टाल अल हरा को निशाना बनाया था। यह एक पर्वतीय दक्षिणी प्रान्त है जहां हिज़बुल्लाह की रडार और सरकार की एयर डिफेन्स बैटरीज है।
मिसाइल ने त्यागे हुए शहर कुनेत्रा में लेबनानी लड़ाकों के लिए बने बैरक को भी निशाना बनाया था। सैनिको की गैरमौजूदगी वाला यह क्षेत्र दोनों देशों के मध्य में स्थापित है। यह शहर बीते चार दशकों से वीरान पड़ा है। साल 1974 के यूएन समझैते से निकलने से पूर्व इजराइल की सेना ने इस क्षेत्र को ढहा दिया था।
साल 2011 में दोनों देशों के बीच संघर्ष की शुरुआत हुई थी और इसके बाद इजराइल ने सैनिको हवाई हमले किये हैं और उनका निशाना राष्ट्रपति बशर अल असद की वफादार सेना और सरकार के सहयोगी ईरान व हिज़बुल्लाह के ठिकाने होते हैं। इस माह की शुरुआत में इजराइल ने सरकार की सेना के ठिकानों पर लगातार 24 घंटो तक घुसपैठ की थी और 15 लड़ाकों को मार गिराया था।
जनवरी में उन्होंने सीरिया में स्थित ईरानी ठिकानों को निशाना बनाया थ और कहा कि “यह ईरानी मिसाइल हमले की जवाबी कार्रवाई थी।” इस हमले में 21 लोगो की मौत हुई थी, जिसमे अधिकतर ईरानी मूल के थे। इजराइल ने कहा कि “वह अपने दुश्मन ईरान को सीरिया में सेना की संख्या में इजाफा करने से रोकने के लिए संकल्पित हैं।”
बीते आठ वर्षों से ईरान असद सरकार का समर्थन कर रहा है और इसके कारण 370000 लोगो की मौत हुई है और लाखो लोग विस्थापित हुए हैं। इजराइल और हिज़बुल्लाह ने कई जंगो को लड़ा है और हालिया साल 2006 की थी।