संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने उत्तर कोरिया (North Korea) के ईंधन के आयात करने पर प्रतिबन्ध लगाए हुए हैं। इसके बावजूद उत्तर कोरिया ने समंदर से दर्ज़नो जहाजों से ट्रांसफर किया और अंतर्राष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन किया था, अमेरिका ने उत्तर कोरिया के इस कदम की आलोचना की है।
सीएनएन ने रिपोर्ट में कहा कि “वांशिगटन ने उत्तर कोरिया पर एक रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के समक्ष पेश की है और दर्ज़नो से अधिक देशों से तत्काल उत्तर कोरिया को किये जा रहे ईंधन शिपमेंट को रोकने का आग्रह किया है।” यह आरोप तब सामने आये जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की तरफ से आये पत्र का जिक्र किया था।
उन्होंने कहा था कि “किम की तरफ से उन्हें एक प्यारा सन्देश मिला है।” फरवरी में हनोई सम्मेलन के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ रहा है। इस दौरान दोनों देश मतभेदों के कारण समझौते को अंतिम रूप नहीं दे सके थे। प्रशासनिक अधिकारी ने इस खत को जन्मदिन की बधाई कहा था।
डोनाल्ड ट्रम्प का जन्मदिन शुक्रवार को है और किम ने राष्ट्रपति की अच्छी सेहत की दुआ की है। इस खत को दोनों देशों की आगामी बातचीत की संभावनाओं से जोड़कर भी देखा जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने बीते माह कहा था कि “उत्तर कोरिया अभी बातचीत के लिए तैयार नही है।
यूएन की रिपोर्ट के मुताबिक, प्योंगयांग ने वार्षिक 500000 बैरल के आयात को अनुमति दी है। इस मामले से सम्बन्धी यूएन के कूटनीतिज्ञ ने बताया कि “उत्तर कोरिया के ध्वज वाले टैंकर से कम से कम आठ अवैध जहाज से जहाज का ट्रांसफर किया गया था।”
राजनयिक ने कहा कि “उल्लंघन के 72 मामलो को ट्रैक किया गया है।” ईंधन आयात पर लागू अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को अमल में लाने के सम्बन्ध ने राजनयिक ने उत्तर कोरिया को एफ ग्रेड दिया है।
यूएन के प्रतिबंधों के नियमो के तहत देशों को प्रतिमाह ईंधन उत्पादों की सेल की रिपोर्ट समिति को देनी होती है। समिति की रिपोर्ट के मुताबिक, पेट्रोलियम पदार्थो और कोयले के अवैध जहाज से जहाज के ट्रांसफर में भारी बढ़ोतरी हुई है। अमेरिका द्वारा कार्रवाई की कोशिशों में चीन और रूस बाधा डालते हैं।