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    जयपुर, 12 जून (आईएएनएस)| पूर्व केंद्रीय मंत्री राजेश पायलट की पुण्यतिथि के अवसर पर दौसा में राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ राज्य के 15 मंत्रियों समेत 62 विधायकों की उपस्थिति से राज्य के राजनीतिक गलियारों में कयासों का दौर शुरू हो गया है।

    इस अवसर पर उपस्थित 62 विधायकों में से चार बहुजन समाज पार्टी के, चार निर्दलीय विधायक शामिल थे। ये चार निर्दलीय विधायक इस साल मार्च में कांग्रेस में शामिल हो गए थे।

    इस अवसर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अनुपस्थिति राजस्थान कांग्रेस में बढ़ती गुटबाजी को प्रदर्शित करती है। पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से चेतावनी के बावजूद यह गुटबाजी बंद नहीं हो रही है।

    राजेश पायटल का 11 जून, 2000 को एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया था।

    एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने बुधवार को आईएएनएस से कहा, “इसे पायलट कैंप के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा सकता है, जो लोकसभा चुनाव में पार्टी के शर्मनाक प्रदर्शन के बाद बढ़ता और मजबूत होता जा रहा है।”

    उन्होंने कहा, “उसके बाद से विधायक दबे व मजबूत स्वर में मुख्यमंत्री के रूप में पायलट को प्रमोट कर रहे हैं।”

    एक अन्य कांग्रेसी नेता ने हालांकि कहा, “गहलोत सभी विषमताओं के बावजूद मुख्यमंत्री के तौर पर आराम की स्थिति में दिख रहे हैं। यह तीन दिन पहले साबित हो गया था, जब वह चुपचाप मुख्यमंत्री के बंगले में शिफ्ट हो गए।”

    उन्होंने कहा, “उनका इस बंगले में शिफ्ट हो जाना राजनीतिक भाषा में बहुत कुछ कहता है, जिसके अंतर्गत चुप रहकर लेकिन एक सख्त संदेश दिया गया कि उनके पद व कैंप को लेकर सबकुछ सही है।”

    कार्यकर्ता ने कहा कि इस तरह की चीजों के होने और कांग्रेस कैंप में गुटबाजी बढ़ने के बावजूद, जबतक दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में सबकुछ सही नहीं हो जाता, कुछ भी नहीं बदलने वाला है।

    उन्होंने कहा, “दिल्ली में पार्टी में भारी उठापटक का असर राजस्थान कांग्रेस पर भी पड़ा है। जब दिल्ली में चीजें सामान्य हो जाएंगी, राजस्थान में भी सबकुछ सामान्य हो जाएगा।”

    राजेश पायलट की पुण्यतिथि के अवसर पर दौसा में आयोजित प्रार्थना सभा में स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा, सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री भंवरलाल मेघवाल, सहकारिता मंत्री उदयलाल अंजाना, यातायात मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, महिला व बाल विकास मंत्री ममता भूपेश, शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह दोतासारा व अन्य मंत्री मौजूद थे।

    समारोह में शामिल होने वाले बसपा विधायक जोगेंद्र अवाना, वाजिद खान, दीपचंद खरिया और संदीप यादव थे।

    कांग्रेस के पास 200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा में 100 विधायक हैं। अपने गठबंधन सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल के सहयोग से पार्टी ने सदन में 101 के बहुमत के आंकड़े को छुआ।

    इसबीच, मार्च 2019 में 12 निर्दलीय विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए थे, जिससे विधानसभा में पार्टी का आंकड़ा बढ़कर 112 हो गया। वहीं छह बसपा विधायक कांग्रेस को पहले से ही बाहर से समर्थन दे रहे हैं।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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