भारत के भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी की जमानत याचिका को शाही न्यायिक अदालत ने भी खारिज कर दिया है। शुरआत में वेस्टमिनिस्टर मेजिस्ट्रेट अदालत ने तीन बार नीरव मोदी की जमानत याचिका को ख़ारिज किया था। हीरा कारोबारी को पंजाब नेशनल बैंक घोटाले से जुड़े होने के कारण स्कॉटलैंड से गिरफ्तार किया गया था।
जमानत याचिका ख़ारिज
मोदी को इस वर्ष 19 मार्च को गिरफ्तार किया था। मंगलवार को मोदी के मामले की सुनवाई हुई थी और उनका केस क्लेयर मोटग्मेरी लड़ रहे थे। उनके वकील ने जज के सामने कहा कि अगर उनके मुव्वकिल को जमानत मिल जाती है तो वह एक इलेक्ट्रॉनिक यंत्र लगवाने के लिए तैयार है जिससे उनकी आवाजाही को ट्रैक किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि “मोदी यहां संपत्ति में इजाफे के लिए आये हैं और यदि उन्हें जमानत मिल जाती है तो वह एक इलेक्ट्रॉनिक यंत्र फ़ोन में लगवाने के लिए तैयार है जिससे उनकी आवाजाही को ट्रैक किया जा सकता है। प्रत्यर्पण मामले की शुरू होने भागने का कोई रास्ता नहीं है। उनकी बेटी और बेटा यहां आ रहे है और अब यूनिवर्सिटी की शरुआत करेंगे।”
नीरव मोदी की विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे से तुलना करते हुए वकील ने कहा कि “मोदी जूलियन असांजे नहीं है जो किसी दूतावास में शरणार्थी के तौर पर रहना चाहते हों। वह एक आम इंसान है। वह कोई जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं।”
वकील की दलीलों के बाद अदालत ने थोड़ा और वक्त माँगा और बुधवार सुबह फैसला सुनाने की मांग की थी। नीरव मोदी ने मुंबई में पंजाब नेशनल बैंक की ब्रांच से 11400 करोड़ रूपए का गबन किया है। इंटरपोल ने नीरव मोदी के खिलाड़ बीते वर्ष रेड कार्नर नोटिस जारी कर दिया था।
नीरव मोदी एक भारतीय व्यापारी है, जो 2010 में स्थापित ‘नीरव मोदी ग्लोबल डायमंड जेवेलरी हाउस’ के संस्थापक है।उसकी इस कंपनी का मुख्यालय मुंबई में है।