थाईलैंड के अधिकारीयों ने बुधवार को बताया कि “करीब 65 रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थी दक्षिण थाईलैंड में फंसे हुए मिले है।” एक अधिकारी ने डॉन से कहा कि “शरणार्थियों में 28 पुरुष, 31 महिलाएं और पांच बच्चे थे जो थाईलैंड के दक्षिणी सतून प्रान्त के रावी द्वीप में स्थित तरुटाओ नेशनल पार्क में फंस गए थे जब उनकी नाव के इंजन में खराबी आ गयी थी।”
थाईलैंड का सागर
तरुटाओ नेशनल मरीन पार्क के प्रमुख कन्जंपन कमहैन्ग ने कहा कि “नाव एक चट्टान से टकराई हुई मिली थी। प्राथमिक जांच के मुताबिक, नाव में 65 रोहिंग्या शरणार्थी सवार थे और इसके आलावा कई थाई और म्यांमार के नागरिक भी शामिल थे।”
उन्होंने कहा कि “थाईलैंड की नौसेना ने समूह को आगे की कार्यवाई के लिए प्रवासी अधिकारीयों के समक्ष ले गए हैं।” नेवी अफसर कमांडर थानपोंग सूद्रक ने डॉन से कहा कि “थाई विभाग इसकी जांच कर रही है कि यह मामला मानव तस्करी से जुड़ा हुआ है या नहीं।”
म्यांमार के रखाइन प्रान्त से रोहिंग्या शरणार्थी ताल्लुक रखते हैं और म्यांमार की सेना के अत्याचार के कारण रोहिंग्या मुस्लिमो को वहां से भागना पड़ा था। म्यांमार में बहुसंख्यक बौद्ध धर्म के नागरिक है। मौजूदा समय में 10 लाख से अधिक रोहिंग्या शर्णार्थिओं ने बांग्लादेश में पनाह ले रखी है।
प्रवासी रोहिंग्या मुस्लिम
सेना ने साल 2017 में रोहिंग्या मुस्लिमो के खिलाफ रखाइन प्रान्त में एक हिंसक अभियान की शुरुआत की थी। थाईलैंड की सरकार के अधिकारी ने कहा कि “जर्जर नाव के यात्रियों को मुख्यभूमि में भेज दिया गया है। हर किसी की जांच की जा रही है कि वह मानव तस्करी का पीड़ित है या नहीं या अवैध प्रवासी है।”
म्यांमार में साल 2012 में रखाइन में हिंसा की शुरुआत के बाद रोहिंग्या शरणार्थियों में भारतीय उपमहाद्वीप की तरफ रुख किया था। हज़ारो रोहिंग्या अल्पसंख्यक समुन्द्र के जरिये भागे थे। साल 2015 में थाईलैंड, मलेशिया और इंडोनेशिया जाने के लिए 25000 लोगो ने अंडमान सागर को पार किया था। इसमें से अधिकतर ने असुरक्षित और ओवरलोड नावों में यात्रा की थी।