चीन ने मंगलवार को वांशिगटन की गैर जिम्मेदाराना और त्रुटिपूर्ण बयान देने की आलोचना की है। चीन ने हांगकांग कानून को प्रस्तावित किया था जिसके तहत हांगकांग से चीन को प्रत्यर्पण की अनुमति होगी और इस विधेयक के प्रति अमेरिका ने चिंता व्यक्त की थी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि “हम अमेरिकी पक्ष से मांग करते हैं, सावधान रहें और हांगकांग व चीन के आंतरिक मामलो में दखलंदाज़ी की थी।” इस दिन की शुरुआत में अमेरिका के राज्य विभाग के प्रवक्ता मॉर्गन ओरटागुस ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान हांगकांग सरकार के प्रस्ताव के बाबत इस पर गंभीर चिंता व्यक्त की है।
उन्होंने कहा कि “रविवार को हांगकांग में हज़ारो की संख्या में शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुआ था जिसमे स्पष्ट तौर पर दिखता है कि नागरिक विपक्ष इस प्रस्ताव में संसोधन चाहता है। अमेरिका ने हांगकांग के प्रति कई चिंताओं का उजागर किया था। इस प्रस्ताव में हांगकांग की स्वायत्ता को नजरअंदाज किया गया है और इसमें क्षेत्र के लम्बे समय से जारीमानवीय अधिकार, संवैधानिक आज़ादी और लोकतान्त्रिक मूल्यों के संरक्षण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।”
ओरटागुस ने कहा कि “अमेरिका चिंतित है कि यह विधेयक हांगकांग के कारोबारी वातावरण को तबाह कर सकता है और वहां रह रहे हमारे नागरिकों को चीन की सनकी न्यायिक प्रणाली का सामना करना पड़ सकता है। भगोड़े अपराधियों के लिए किसी भी विधेयक को अत्यधिक सावधानी और पूर्ण परामर्श से लागू करना चाहिए इसके लिए विधेयक से प्रभावित हो रहे स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय शेयर धारको से वार्ता करनी चाहिए।”
हांगकांग के नेता कर्रिए लम ने सोमवार को व्यापक प्रदर्शन के बावजूद इस विधेयक को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। साल 1997 में हांगकांग ब्रितानी हुकूमत से चीनी राज के अधीन हो गया था और अब तक का शहर में सबसे बड़ा प्रदर्शन है। ब्रिटेन ने हांगकांग को चीन के हवाले “एक मुल्क, दो प्रणाली” के तहत सौंपा था और इसमें चीन ने स्वायत्ता व आज़ादी की गारंटी दी थी। साथ ही वहां स्वतंत्र न्यायिक प्रणाली के संरक्षण का वादा भी किया था।
लेकिन कई लोगो ने चीन पर हांगकांग के कई क्षेत्रों में दखलंदाज़ी देने का आरोप लगाया था। चीन ने लोकतान्त्रिक सुधारो के लिए नकारा है और आज़ादी का गला घोंट रहा है।