नई दिल्ली, 11 जून (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश में तेजी से बढ़ते अपराध और बिगड़ती कानून-व्यवस्था के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 16 जून से राज्य का एक ‘फीडबैक टूर’ शुरू करने की तैयारी में हैं।
राज्य सरकार के सूत्रों ने बताया कि योगी सभी महत्वपूर्ण जिलों का दौरा करेंगे, जहां वह ग्रामीणों के साथ ‘चौपाल’ बैठक करेंगे और पुलिस थानों, अस्पतालों, तहसीलों और प्राथमिक विद्यालयों का निरीक्षण करेंगे। वह राज्य के दूरदराज के कस्बों, क्षेत्रों में किए जा रहे विकास कार्यो की भी समीक्षा करेंगे। ग्रामीणों के साथ बातचीत के लिए मुख्यमंत्री गांवों में रात्रि विश्राम भी कर सकते हैं।
योगी के दौरे की इस तैयारी को लेकर राज्य के नौकरशाह, विशेषकर जिला प्रशासन के अधिकारी बेचैन नजर नआ रहे हैं। इसका कारण योगी की हालिया घोषणा है कि “वह अपने काम में लापरवाह पाए गए किसी भी अधिकारी को नहीं छोड़ेंगे।”
उत्तर प्रदेश सरकार के शीर्ष सूत्रों ने कहा कि योगी जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को बताए बगैर किसी तहसील या थाने का औचक निरीक्षण कर सकते हैं।
अलीगढ़ में तैनात एक परगनाधिकारी ने कहा, “मुख्यमंत्री के थाने और तहसीलों का औचक निरीक्षण करने की बात ने उन अधिकारियों की नींद उड़ा दी है, जो फील्ड वर्क में शामिल हैं। उन्हें डर है कि किसी भी तरह की लापरवाही का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ सकता है, जो निलंबन से कम नहीं होगा।”
इस बीच मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडे ने कथित तौर पर निर्देश दिया है कि प्रत्येक जिले के लिए नोडल अधिकारी के रूप में नामित अधिकारी जमीनी स्तर पर स्थिति का जायजा लें। नोडल अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि गेहूं की खरीद या गन्ने से संबंधित भुगतानों से संबंधित कोई शिकायत लंबित न रहे। उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है कि दवाएं जिला सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी उपलब्ध हों।
ऐसे में उत्तर प्रदेश में चढ़ते पारे के बीच राज्य के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी ब्लॉक और तहसील स्तर पर स्थलों का निरीक्षण और समस्या का निपटारा करने में व्यस्त हैं। एसएसपी से लेकर डीएम और बीडीओ से लेकर एसडीएम तक, स्थानीय प्रशासन का ध्यान सड़क, पानी और स्वच्छता परियोजनाओं से संबंधित लंबित कामों में तेजी लाने पर है।
मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में शुरू की गई योजनाओं की समीक्षा करने की भी उम्मीद है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तैनात एक मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) ने कहा, “तहसीलदार, पटवारी, प्रधान और बीट कांस्टेबल अपने-अपने क्षेत्रों में केंद्र सरकार की योजनाओं जैसे ‘उज्जवला’, ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ या ‘इज्जत घर’ के विवरणों को सत्यापित करने में व्यस्त हैं।”
अधिकारी ने कहा, “आंगनवाड़ी केंद्र और प्राथमिक विद्यालय, जो कई क्षेत्रों में दयनीय स्थिति में हैं, उनका भी रंग-रोगन हो रहा है।”
मंडल समीक्षा में आयुक्त और पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) मुख्यमंत्री के साथ होंगे। सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने योगी को जिला स्तर पर प्रशासनिक मशीनरी में सुधार करने का सुझाव दिया है, ताकि सामाजिक क्षेत्रों की योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके।
अब तक, उत्तर प्रदेश में तहसील, मुख्य रूप से दूरदराज के इलाकों में, भ्रष्टाचार का कारण माना जाता है, जहां कर्मचारियों को रिश्वत देने के बाद ही काम हो पाता है। हालांकि, योगी ने इस धारणा को नकारने के लिए, भ्रष्टाचार के खिलाफ एक राज्यव्यापी कार्रवाई शुरू की और बड़ी संख्या में दागी सरकारी कर्मचारियों को निलंबित कर दिया और उनके खिलाफ मामले भी दर्ज किए गए।
सोमवार को, योगी ने पुलिस महानिदेशक, गृह सचिव और अन्य प्रमुख अधिकारियों के साथ बच्चों के खिलाफ जघन्य अपराधों में वृद्धि पर गहन चर्चा की। उन्होंने अलीगढ़ में एक बच्ची की सनसनीखेज हत्या के मामले में हुई कार्रवाई की प्रगति की भी समीक्षा की।
सूत्रों ने कहा कि बैठक के बाद योगी ने राज्य के सभी डीएम और एसपी को लखनऊ तलब किया है, और अपने फीडबैक टूर की शुरुआत से पहले वह उन सभी के साथ कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करेंगे।