भारत ने कल तीनो ही विभाग में ऑस्ट्रेलिया को मात देकर आईसीसी विश्वकप 2019 का अपना दूसरा मुकाबला जीता।
बेशक, इतनी बड़ी जीत के बाद, कई सकारात्मकताएं हैं जिन्हें विजेता टीम के लिए लिया जा सकता है। इस मामले में, सबसे अच्छी खबर शिखर धवन का फॉर्म है, वह नियमित रुप से आईसीसी इवेंट्स में शानदार फॉर्म में रहते है, भारत के लिए यह एक बहुत अच्छी खबर है।
तो कोहली का प्रदर्शन, जिन्होंने भले ही धाराप्रवाह पारी नहीं खेली हो, लेकिन एक अहम पारी खेली, जिससे उनका आत्मविश्वास टूर्नामेंट में और अच्छा होता जाएगा। चहल और कुलदीप ने भी शानदार गेंदबाजी की।
लेकिन भारत के लिए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच से जो सबसे अच्छा सकारात्मक सामने आया है वह भुवनेश्वर कुमरा की गेंदबाजी है।
पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली भी मोहम्मद शमी के ऊपर भुवनेश्वर के चयन से आश्चर्यचकित थे। मैंने भी यही सोचा था कि शमी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भुवनेश्वर से बेहतर विकल्प होंगे।
लेकिन भुवनेश्वर ने अपनी शानदार गेंदबाजी से सबको गलत साबित कर दिया है। उनका ओपनिंग स्पेल बुमराह के साथ टेंडम में रहा और उन्होने आरोन फिंच और डेविड वार्नर को तेजी से शुरुआत नही करने दी।
मैच के आखिरी में जब वह गेंदबाजी करने आए तो उन्होने क्रीज पर बहुत देर से टिके स्टीव स्मिथ को पगबाधा आउट किया और उसके बाद अगली गेंद पर स्टोयनिस को भी चलता कर दिया। जहां से मैच का रुख बदलता नजर आया और उसके बाद ऑस्ट्रेलिया का जीतना आसान नही था।
उन्होने मैच के दौरान 50 रन देकर 3 विकेट लिए थे और वह भारत की जीत में स्टार गेंदबाज रहे। भुवनेश्वर के साथ बने रहने का श्रेय भारतीय कप्तान को भी दिया जाना चाहिए, जबकि कई लोग इस मैच के लिए शमी को टीम में चाहते थे।
यह निर्णय अंततः मास्टर स्ट्रोक साबित हुआ और भुवनेश्वर कुमार ने शानदार गेंदबाजी की। टीम अगले मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ भी सामान्य प्लेइंग-11 के साथ उतर सकती है।