एमएस धोनी के विकेटकीपिंग दस्ताने पर बने बलिदान बैज के ऊपर पिछले कुछ दिन से पूरे देश में बातचीत हो रही है। धोनी का सेना के प्रति प्यार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद को बिलकुल पसंद नही आया और उन्होने बीसीसीआई से इसे हटाने के लिए अनुरोध किया। बाद में बीसीसीआई ने आईसीसी से बातचीत में कहा कि धोनी को टूर्नामेंट के दौरान यह दस्ताने पहनने दिए जाए। हालांकि, यह आईसीसी के नियमो के खिलाफ है और उन्होने स्पष्ट किया कि एमएस धोनी सेना के चिह्न वाले ग्लव्स के साथ नही खेल सकते।
हालांकि, देश इस मसले में धोनी के साथ खड़ा है और यहा तक की धोनी का समर्थन करने के लिए सोशल मीडिया में अलग-अलग हैशटेग #बलिदान और # कीप द ग्लव करके इसे ट्रेंड कर रहे है। हालांकि, पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर की इस पर अलग राय है और उनका मानना है कि नियमो को पालन किया जाना चाहिए। इसके अलावा, उन्होने यह भी कहा कि उन्हे इसकी कोई परवाह नही है एमएस धोनी कुछ भी पहने लेकिन वह फील्ड पर अपनी भूमिका शानदार निभा रहे है।
उन्होंने मोइन अली के उदाहरण को भी याद किया जब 2014 में किसी कारण से इंग्लैंड के क्रिकेटर को कलाई के बैंड पहनने की अनुमति नहीं थी और उन्हें इसे हटाना पड़ा था।
गावस्कर ने इंडिया टुडे के हवाले से कहा, ” मुझे लगता है नियमो का पालन किया जाना चाहिए। इसलिए नियम बनाए गए है और मैं कल्पना करुंगा कि अब आईसीसी ने यह कह दिया है और आपके पास अब यह चिह्न नही होगा। अगर आपको याद होगा साल 2014 में, जब मोईन अली ने अपने हाथ में बैंड बांधकर किसी विशेष कारण का समर्थन करना चाहा था तो आईसीसी ने उनके खिलाफ भी फैसला लिया था। मुझे लगता है उन्हे इसीबी द्वारा फाइन भी किया गया था।”
आईसीसी ने बीसीसीआई के अनुरोध को ठुकरा दिया
इसके अलावा, आईसीसी ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि एमएस धोनी अब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बलिदान बैज के चिह्न वाले दस्तान के साथ नही खेल सकते। उन्होने यह भी कहा अगर अनुभवी खिलाड़ी ऐसा करते है तो उन्हे मैचो के लिए बैन भी कर दिया जा सकता है। हालांकि, सुनील गावस्कर ने भी कहा है कि धोनी को भी स्पष्ट होना चाहिए कि उन्हे बैज के साथ खेलना चाहिए या नही।