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    अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन भारत

    अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (आइएमओ) परिषद में भारत ने दोबारा प्रवेश करते हुए चुनाव जीता है। भारत ने इस चुनाव में दूसरे नंबर पर रिकॉर्ड 144 वोट प्राप्त किए है। जबकि जर्मनी पहले नंबर पर 146 वोट और ऑस्ट्रेलिया 143 वोट पर तीसरे स्थान पर है।

    शुक्रवार को संगठन के मुख्यालय में हुई महासभा में भारत का पुनः निर्वाचन बी श्रेणी में हुआ है। दरअसल भारत की कोशिश थी कि उसे ‘ऐ’ श्रेणी में रखा जाए, लेकिन ऐसा हो नहीं सका।

    ‘ऐ’ श्रेणी में चीन, ग्रीस, इटली, जापान, अमेरिका समेत कुछ अन्य विकसित देश हैं। ‘बी’ श्रेणी में भारत के अलावा ब्राजील, फ्रांस, अर्जेंटीना आदि देश हैं। ‘सी’ श्रेणी में 20 ऐसे देशों को शामिल किया है जिनका समुद्र से गहरा नाता है।

    जर्मनी के बाद भारत को दूसरे सबसे ज्यादा संख्या में वोट मिले है। जिससे साबित होता है कि अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार में सबसे ज्यादा दिलचस्पी रखने में भारत भी आगे है।

    आईएमओ में भारत का रहना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि देश का एक बड़ा हिस्सा समुद्र किनारे हैं। आपको बता दें कि भारत की करीबन 7500 किमी लम्बी सीमा समुद्र से सटी है। इसमें भारत के 12 मुख्य और करीबन 200 छोटे बंदरगाह हैं, 111 समुद्री मार्ग हैं।

    आपको बता दें कि साल 1959 से भारत इस संगठन का हिस्सा है और इस दौरान भारत ने मौसम प्रदुषण, समुद्री सुरक्षा आदि से सम्बंधित अनेकों मामलों में फैसले किये हैं। दरअसल इस बार चुनाव की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि पड़ोसी देश चीन पिछले काफी समय से पाकिस्तान को इसमें शामिल करने की कोशिश कर रहा था।

    इस मामले से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “भारत वैसे तो आईएमओ समूह का सदस्य है, लेकिन पहली बार हमें चुनाव कराने पड़े क्योंकि ने पाकिस्तान जैसे कुछ देशों में इसमें घसीटने पर जोर दिया है।”

    भारत के केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ट्विटर के जरिए घोषणा की। नितिन गडकरी ने कहा कि “अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन परिषद में  जर्मनी (146) के बाद भारत ने दूसरे नंबर पर आकर 144 वोट हासिल करते हुए बी श्रेणी में स्थान बनाया है।“

    ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त वाई के सिन्हा ने देश का प्रतिनिधित्व किया। ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त ने ट्वीट करते हुए कहा कि “आईएमओ काउंसिल में भारत ने 144 वोट हासिल करके बी श्रेणी में जीत दर्ज की है जो कि सर्वोच्च दूसरे स्थान पर है।“

    आईएमओ काउंसिल के लिए चुने गए अन्य देशों में फ्रांस (140), कनाडा (138), स्पेन (137), ब्राजील (131), स्वीडन (129), नीदरलैंड (124) और संयुक्त अरब अमीरात (115) शामिल है।

    नितिन गडकरी ने जताई थी प्रतिबद्धता

    गौरतलब है कि केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पहले कहा था कि भारत विकासशील देशों का प्रतिनिधित्व करने के लिए आईएमओ को फिर से चुनाव कराने के लिए अपनी उम्मीदवारी को आगे बढ़ा रहा है और अंतरराष्ट्रीय समुद्र में होने वाले व्यापार में सबसे बड़ी दिलचस्पी रखता है।

    हाल ही में यूके दौरे के दौरान नितिन ने कहा कहा था कि अगर भारत को पुनः निर्वाचित किया जाता है तो भारत, आईएमओ के उद्देश्यों के विकास की दिशा में नए सिरे से प्रतिबद्धता के साथ काम करेगा। उन्होंने यह भी कहा था कि भारत वैश्विक समुद्री समुदाय के निरंतर विकास के अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रयासरत रहेगा।

    आइएमओ परिषद क्या है ?

    अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन परिषद एक ऐसी संस्था है जो वैश्विक शिपिंग उद्योग के संबंध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। संस्था का मुख्य मुख्यालय लंदन में है और यह संयुक्त राष्ट्र के अंतर्गत आती है।

    इस संस्था के माध्यम मे सदस्य देशों के बीच में समुद्री व्यापार को बढ़ावा देने की दिशा में प्रयास किए जाते है। यह समुद्री व्यापारों की रणनीति और बजट के विभिन्न महत्वपूर्ण मामलों को तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

    गौरतलब है कि भारत आईएमओ के प्रारंभिक सदस्यों में से एक रहा है। साल 1959 में इसे सदस्य के रूप में शामिल किया गया। सिर्फ 1983 और 1984 में दो साल भारत इसमें नहीं चुना गया था।