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    delhi high court

    नई दिल्ली, 6 जून (आईएएनएस)| दिल्ली उच्च न्यायालय ने ताइवान की दिग्गज इलेक्ट्रोनिक कंपनी आसुस को मोबाइल फोन और अन्य उत्पादों को ‘जेन’, ‘जेनफोन’ और अन्य इसी तरह के ट्रेडमार्क का इस्तेमाल कर बेचने पर 28 मई के बाद आठ हफ्तों तक पाबंदी लगा दी, जिसके बाद आसुस ने कहा कि उसके मौजूदा उत्पादों की बिक्री में बदलाव नहीं होगा।

    मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई को होगी।

    आसुस ने गुरुवार को एक बयान में कहा, “आसुस की कानूनी टीम फिलहाल दिल्ली उच्च न्यायालय के साथ भारत में जेन मोबाइल्स और जेनफोन ट्रेडमार्क मुकदमे को सुलझाने को लेकर काम कर रही है।”

    बयान के अनुसार, “आसुस स्मार्टफोन्स, नोटबुक्स और अन्य उत्पादों की आपूर्ति और सभी उपभोक्ताओं के लिए आसुस उत्पादों के सभी टेक्निकल सपोर्ट और आफ्टर सेल्स सर्विस में कोई बदलाव नहीं होगा।”

    न्यायमूर्ति मनमोहन ने यह आदेश टेलीकेयर नेटवर्क की याचिका पर दिया है। टेलीकेयर नेटवर्क ने आसुस के द्वारा जेन, जेनफोन या इससे जुड़े ट्रेडमार्क के तहत प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मोबाइल फोनों, अन्य उत्पादों की बिक्री करने या प्रचार करने पर पाबंदी लगाने की मांग की थी।

    अदालत ने आसुस को ट्रेडमार्क जेन और जेन मोबाइल से मिलते-जुलते किसी भी अन्य उत्पादों की बिक्री नहीं करने के आदेश दिए।

    टेलीकेयर नेटवर्क ने कहा कि जेन और जेनमोबाइल मार्क, ट्रेडमार्क अधिनियम 1999 के तहत आता है और कंपनी ने 2008 से लगातार और बड़े पैमाने पर इसका प्रयोग अपने फीचर फोनों, स्मार्टफोनों, टेबलेट और अन्य उत्पादों को बेचने के लिए किया है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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