भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर अपनी पहली यात्रा पर भूटान का दौरा करेंगे। वह दो दिवसीय दौरे की शुरुआत शुक्रवार से करेंगे। विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि “भूटान की यात्रा के दौरान जयशंकर प्रधानमंत्री लोटे त्शेरिंग और अपने समकक्षी तांदी दोरजी से मुलाकात करेंगे।”
बयान में कहा कि “यह डॉक्टर जयशंकर की विदेश मंत्री के तौर पर पहली विदेश यात्रा है और यह भारत के साथ भूटान के द्विपक्षीय सम्बन्धो की महत्वता को प्रदर्शित करता है। भारत का भूटान एक करीबी मित्र और पडोसी है। इस यात्रा के दौरान दोनों पक्ष समूचे द्विपक्षीय सम्बन्धो के बाबत चर्चा करेंगे।”
उन्होंने कहा कि “इस द्विपक्षीय सम्बन्धो में आगामी उच्च स्तर में आदान-प्रदान, विश्वास, सद्भावना और संयुक्त आपसी समझ है। विदेश मंत्री की यात्रा नियमित यात्राओं की परंपरा के मुताबिक है और दोनों देशों के बीच आला स्तर के विचारो का आदान प्रदान होगा।”
इससे पूर्व विदेश मंत्रालय की कमान सुषमा स्वराज के हाथो में थी लेकिन उन्होंने स्वास्थ्य के कारण लोकसभा चुनावो में भागीदारी लेने से इंकार कर दिया था। जयशंकर ने इससे पहले 2015-2018 के बीच विदेश सचिव का कार्यभार संभाला था।
नए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को कहा कि सुषमा स्वराज के पदचिह्नें पर चलना उनके लिए गर्व की बात है।उन्होंने कहा, “हम एक टीम के रूप में 24 घंटे आपकी सेवा में उपलब्ध रहेंगे। अपने सहयोगी एमओएस मुरलीधरनजी के साथ इस प्रयास की अगुवाई कर के खुशी हो रही है।”
जयशंकर ने 2009 से 2013 तक बीजिंग में भारत के राजदूत के रूप में कार्य किया था। उनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने 2017 में डोकलाम में दोनों देशों के बीच सैन्य गतिरोध को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।