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    मशरफे मुर्तजा

    मशरफे मुर्तजा सीमित ओवरों के प्रारूप में बांग्लादेश के लिए सबसे सफल कप्तानों में से एक रहे हैं और वे उदाहरण के लिए आगे बढ़ रहे हैं। सीनियर तेज गेंदबाज ने अपनी टीम को विश्वकप में एक शानदार शुरुआत दिलाई है और टीम ने अपने पहले ही मैच में दक्षिण-अफ्रीका को 21 रन से मात दी है। इस जीत के साथ, मुर्ताजा विश्वकप में बांग्लादेश के लिए सबसे सफल कप्तान बन गए है और कप्तान के रुप में उनकी यह चौथी जीत थी – जो की किसी भी बांग्लादेश खिलाड़ी  द्वारा सबसे ज्यादा है।

    वर्षों से बांग्लादेश में क्रिकेट खेलने के तरीके को बदलने का श्रेय मुर्तजा को दिया जाता है। विश्व कप के लिए, बांग्लादेश ने आयरलैंड और वेस्ट इंडीज को शामिल करते हुए त्रिकोणीय श्रृंखला जीती और पिछले साल एशिया कप के फाइनल में भी पहुंचा था जहां वे अंतिम विजेता भारत से हार गए थे। रविवार को टाइगर्स ने शोपीस इवेंट में अपना पहली जीत हासिल की और दक्षिण अफ्रीका को तीनों विभागों में मात दी।

    एक कप्तान के रुप में विश्वकप के मैच में मुर्ताजा ने 6 मैचो में 4 जीत हासिल कर ली है और बांग्लादेश के कप्तानो की सूची में शीर्ष पर आ गए है। आलराउंडर ने शाकिब-अल-हसन इस सूची में दूसरे स्थान पर आते है और उनके नाम 7 मैचो में तीन जीत है और उनके पीछे टीम के पूर्व कप्तान हबिबुल बशर ने 9 मैचो में से तीन मैच जीते है।

    बांग्लादेश के कप्तानों द्वारा जीते गए अधिकांश विश्व कप मैच:
    1. मशरफे मुर्तजा: 6 मैचो में से 4
    2. शाकिब-अल-हसन: 7 मैचो मे से 3
    3. हबिबुल बशर: 9 मैचो में से 3
    4. अमिनुल इस्लाम: 5 मैचो में 2
    5. खालिद मसूद: 6 मैचो में 0

    बांग्लादेश ने टूर्नामेंट के अपने ओपनर मैच में एक मजबूत दक्षिण-अफ्रीकी गेंदबाजी के सामने शानदार बल्लेबाजी की। ओपनर तमीम इकबाल (16) और सोम्या सरकार (42) ने अपनी टीम के लिए पहले विकेट के लिए 60 रन की साझेदारी की। उसके बाद बल्लेबाजी करने आए शाकिब ने (75) और मुश्फिकुर रहीम ने (78) रन जोड़कर टीम को एक विशाल स्कोर तक पहुंचाया। आखिरी में महमुदुउल्लाह ने टीम के लिए 33 गेंदो में (46) रन की आतिशी पारी खेली थी और निर्धारित 50 ओवर में टीम को 330/6 तक पहुंचा दिया।

    इसके जबाव में, दक्षिण-अफ्रीका ने एक अच्छी शुरुआत की और टीम के ओपनर क्विंटन डी कॉक और एडन मार्करम ने पहले विकेट लिए (49) रन की साझेदारी की। टॉप ऑर्डर में बल्लेबाजी करने आए डू प्लेसिस (62) और डेविड मिलर (38) और वेड डर डुसेन (41) और जेपी डुमिनी (45) ने बल्ले से शानदार योगदान दिया लेकिन वह अपनी टीम को मिले लक्ष्य के पाप नही पहुंचा सके।

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

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